परमाणु हमला करने में सक्षम फाइटर; 12 पायलटों को ट्रेंड किया, चीन सीमा से 200 किमी दूर अम्बाला में तैनाती होगी

चीन के साथ जारी तनाव के बीच परमाणु हमला करने में सक्षम राफेल विमान जल्द ही भारत को मिल जाएंगे। फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से 5 राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच रवाना हो चुका है। यह बैच बुधवार 29 जुलाई को भारत पहुंचेगा।

फ्रांस से मिलने वाले पांचों राफेल को अंबाला में तैनात किया जाएगा। इसमें ग्लास कॉकपिट है। इसके साथ ही एक कम्प्यूटर सिस्टम भी है, जो पायलट को कमांड और कंट्रोल करने में मदद करता है।
राफेल लड़ाकू विमानों की रवानगी के दौरान भारतीय राजदूत जावेद अशरफ भी मेरिनेक एयरबेस पर मौजूद रहे। वे इस दौरान पायलटों से भी मिले। उन्होंने राफेल उड़ाने वाले पहले भारतीय पायलटों को बधाई दी।
राफेल फाइटर जेट के बारे में जानकारी लेते भारतीय राजदूत जावेद अशरफ। राफेल फाइटर जेट्स मीटियर और स्काल्प जैसी मिसाइलों से भी लैस है। मीटियर विजुअल रेंज के पार भी अपना टारगेट हिट करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल है।
राफेल फाइटर जेट को और ज्यादा पावरफुल बनाया जा रहा है। वायुसेना इसे हैमर मिसाइल से लैस करवा रही है। इसके लिए इमरजेंसी ऑर्डर कर दिए गए थे।
राफेल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में भी टारगेट को डिटेक्ट कर लेता है। राफेल में आधुनिक हथियार भी हैं। जैसे- इसमें 125 राउंड के साथ 30 एमएम की कैनन है।
राफेल डीएच (टू-सीटर) और राफेल ईएच (सिंगल सीटर), दोनों ही ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ चौथी जनरेशन का फाइटर है। ये न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है।
राफेल विमानों में एयर टू एयर रीफ्यूलिंग की जाएगी। पायलटों को आराम देने के लिए ये विमान सिर्फ यूएई में ही रुकेंगे। इन मल्टी-रोल फाइटर जेट्स के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।

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राफेल विमानों की रवानगी से पहले काकपिट में बैठे भारतीय राजदूत जावेद अशरफ। उन्होंने फ्रेंच एयरफोर्स और राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन को भी धन्यवाद दिया।