सरकारी क्षेत्र के अग्रणी बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 864 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में बैंक को 709.6 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक ने सोमवार को रिजल्ट जारी किया। बैंक ने बताया कि स्टैंडर्ड खातों के लिए 1,811 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग की गई। इससे बैंक को भारी घाटा हुआ। बैंक का दावा है कि उसका कंसोलिडेटेड घाटा 679 करोड़ रुपए रहा है।
शुद्ध ब्याज आय 4.9 प्रतिशत बढ़ी
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताया कि उसकी शुद्ध ब्याज आय तिमाही के दौरान 4.9 प्रतिशत बढ़कर 6,816 करोड़ रुपए रही है। एक साल पहले समान तिमाही में यह 6,496 करोड़ रुपए थी। बैंक की उधारी की वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही है। इसमें आर्गेनिक रिटेल लोन की वृद्धि 13.5 प्रतिशत रही है। बैंक का चालू और बचत खाता (कासा) अनुपात 2.94 प्रतिशत बढ़कर 39.49 प्रतिशत हो गया है। घरेलू रिटेल टर्म डिपॉजिट 10.4 प्रतिशत बढ़ी है।
ग्रॉस एनपीए 9.39 प्रतिशत रहा
बैंक ने बताया कि उसका ग्रॉस एनपीए 9.39 प्रतिशत रहा है जबकि शुद्ध एनपीए 2.83 प्रतिशत रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि उसने पहली तिमाही में 996 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रोविजन किया है, इस वजह से उसका घाटा बढ़ गया है। प्रोविजन से पहले ऑपरेटिंग लाभ एक प्रतिशत बढ़कर 4,320 करोड़ रुपए रहा है। बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा देश में तीसरे नंबर का सबसे बड़ा बैंक है। बैंक का शेयर मामूली बढ़कर 48 रुपए के ऊपर बंद हुआ।