पाकिस्तानी मंत्री बोले- भारत 130 परमाणु मिसाइलों के निशाने पर:ये सजावट के लिए नहीं रखीं; सिंधु का पानी रोका, तो युद्ध के लिए तैयार रहें

पाकिस्तानी रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत पर परमाणु बम हमले की धमकी दी। उन्होंने कहा, हमने शाहीन, घोरी और गजनवी जैसी 130 मिसाइल भारत के लिए रखी गई हैं। अगर भारत सिंधु जल संधि को रोकता है, तो हम उसकी सांसें रोक देंगे। भारत को युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। पाकिस्तान के परमाणु हथियार सजाने के लिए नहीं रखे हैं, बल्कि देश भर में इनके ठिकाने छिपे हुए हैं। अब्बासी ने कहा कि हमने ये मिसाइलें मॉडल बनाकर नहीं रखी हैं, इनका निशाना भारत की तरफ है। ये बात भारत भी जानता है कि हमारे पास हथियार हैं, इसलिए वो हम पर हमला नहीं कर रहा है। अब्बासी बोले- भारत अपनी कमियों का इल्जाम हम पर लगा रहा अब्बासी ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा में खामियों को मानने के बजाय पहलगाम हमले का इल्जाम पाकिस्तान को दे रहा है। इस्लामाबाद अपने खिलाफ उठाए गए किसी भी आर्थिक कदम के फैसले से मुकाबला करने के लिए तैयार है। हनीफ अब्बासी ने भारत की तरफ से पाकिस्तान के लिए पानी की सप्लाई रोकने और ट्रेड संबंधों को खत्म करने का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस भारत के लिए बंद कर दिया है। इससे दो ही दिन में भारत की एविएशन इंडस्ट्री परेशान हो गई। भारत को अपनी गलती का एहसास हो गया है। अगर 10 दिन हमने एयरस्पेस बंद रखा तो भारत की एयरलाइंस दिवालिया हो जाएंगीं। भारत ने पहलगाम हमले के बाद जल संधि स्थगित की पहलगाम के नजदीक बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। इनमें एक नेपाली नागरिक भी था। 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके बाद 23 अप्रैल को केंद्र सरकार ने जल संधि स्थगित करने सहित 5 बड़े फैसले लिए थे। पाकिस्तान के साथ ‘सिंधु जल समझौता स्थगित’ करने पर शुक्रवार को जल शक्ति मंत्रालय की बैठक हुई। इसे 3 चरणों में पूरा करने का फैसला लिया गया है। बैठक के बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बताया कि इसे लेकर 3 तरह की रणनीति बना रहे हैं। पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं मिलेगा। मीटिंग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर हुई। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल शामिल हुए थे। हालांकि 3 चरणों और 3 तरह की रणनीति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के खत्म होने को एक्ट ऑफ वॉर बताया है। पाकिस्तानी सरकार ने कहा- अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा। 1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता, 65 साल बाद रोका गया 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ये समझौता हुआ था। समझौते में सिंधु बेसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बांटा गया था। पूर्वी हिस्से की नदियों रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है। पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का 20% पानी भारत रोक सकता है। पाकिस्तानी मंत्री और अधिकारी लगातार विवादित बयान दे रहे पहलगाम हमले को लेकर भारत की तरफ से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता खत्म करने के बाद पाकिस्तानी मंत्री और अधिकारी लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। पढ़िए बीते एक हफ्ते में पाकिस्तान की तरफ से दिए गए कुछ विवादित बयान… 26 अप्रैल: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर मुनीर शनिवार को टू-नेशन थ्योरी पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। मुनीर खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के काकुल इलाके में पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी (PMA) में कैडेट्स की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुसलमान जीवन के सभी पहलुओं- धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा और सोच में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान बनाने के लिए बहुत बलिदान दिया है। हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है। 26 अप्रैल: पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में एक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि पहलगाम हमले का आरोप लगाकर पाकिस्तान को बदनाम किया जा रहा है। पहले भी पाकिस्तान पर ऐसे हमले के आरोप लगाए जाते रहे हैं। इसे पूरी तरह से बंद किया जाना जाहिए। एक जिम्मेदार देश के तौर पर पाकिस्तान किसी भी तटस्थ और पारदर्शी जांच में हिस्सा लेने के लिए तैयार है। शरीफ ने कहा कि भारत दुनिया को गुमराह कर रहा है। बिना किसी विश्वसनीय जांच और सबूत के पाकिस्तान पर झूठा आरोप लगाकर देश को बदनाम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है। 26 अप्रैल: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ख्वाजा आसिफ ने माना था कि उनका देश पिछले 30 साल से आतंकवादियों का समर्थन कर रहा है और उन्हें ट्रेनिंग दे रहा है। उन्होंने कहा कि वे अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए यह ‘गंदा काम’ कर रहे हैं। ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को ब्रिटिश अखबार द स्काई को दिए इंटरव्यू में यह बातें कहीं। ब्रिटिश एंकर यल्दा हकीम ने उनसे सवाल पूछा था कि क्या पाकिस्तान आतंकी गुटों की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है? इस पर उन्होंने कहा कि वैश्विक शक्तियों ने अपने हितों के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया। ख्वाजा आसिफ ने यह भी माना कि आतंकियों का समर्थन करना या ट्रेनिंग देना बड़ी गलती थी। हम इसकी सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा- अगर हम सोवियत यूनियन के खिलाफ जंग में शामिल नहीं होते और 9/11 के हमलों के बाद जो हालात बने, वो न बनते तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेदाग होता। 25 अप्रैल: पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्‌टो पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया है। उन्होंने शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिंधु नदी में या तो हमारा पानी बहेगा, या फिर उनका खून बहेगा। सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा। भुट्टो ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि आप एक झटके में सिंधु जल समझौता को तोड़ दें। हम इसे नहीं मानते हैं। हमारी अवाम इसे नहीं मानती। हजारों साल से हम इस नदी के वारिस हैं। 24 अप्रैल: पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार इशाक डार ने गुरुवार को पहलगाम हमले के आतंकियों को ‘स्वतंत्रता सेनानी’ कहा। डार ने कहा- हमें शुक्रगुजार होना चाहिए कि ये तो फ्रीडम फाइटर्स भी हो सकते हैं। हालांकि, हम नहीं जानते कि ये कौन हैं। मुझे लगता है कि वे अपनी नाकामी और अपनी घरेलू राजनीति के लिए पाकिस्तान पर इल्जाम लगा रहे हैं। इशाक डार पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत के पास इस हमले में पाकिस्तान के शामिल होने का कोई सबूत है तो इसे दुनिया के सामने पेश करे। डार ने कहा कि भारत बार-बार पाकिस्तान पर ऐसी घटनाओं का आरोप लगाता रहा है। इस बार भी भारत ने वही खेल खेला है। 16 अप्रैल: पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर मुनीर ने इस्लामाबाद के एक कार्यक्रम में टू नेशन थ्योरी की बात कही थी। तब उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की नींव कलमे (इस्लाम धर्म का मूल मंत्र) पर रखी गई है। हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। हमारी संस्कृति और सोच अलग है। यही टू-नेशन थ्योरी की नींव थी। मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया था। उन्होंने कहा, “हमारा रुख बिल्कुल साफ है। कश्मीर हमारी गले की नस था, है और रहेगा। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में अकेले नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने कश्मीर को गाजा से जोड़ते हुए कहा, “पाकिस्तानियों का दिल गाजा के मुसलमानों के साथ धड़कता है।”