पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने मंगलवार रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इधर, आज देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 244 जगहों पर युद्ध के दौरान बचाव के तरीकों की मॉक ड्रिल हो रही है। शाम को ब्लैकआउट एक्सरसाइज की भी जाएगी। गृह मंत्रालय ने इन जगहों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर लिस्ट किया है। ये सामान्य प्रशासनिक जिलों से अलग हैं। सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। गृह मंत्रालय ने 5 मई को सभी राज्यों को मॉक ड्रिल कराने के आदेश जारी किए थे। राज्यों में मॉक ड्रिल की 9 फोटोज… प्रशासनिक जिलों से अलग हैं सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट गृह मंत्रालय ने 5 मई को मॉक ड्रिल वाले जिलों की लिस्ट जारी की थी। देश के कुल 35 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट बनाए गए हैं। इनमें से 25 राज्यों के 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट में मॉक ड्रिल चल रही है। हालांकि, जरूरी नहीं ये सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट सामान्य एडमिनिस्ट्रेटिव डिस्ट्रिक्ट हों। जैसे उत्तर प्रदेश में कुल 19 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट बनाए गए हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे एडमिनिस्ट्रेटिव जिले भी हैं और बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे इलाके भी हैं जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन है। 3 कैटेगरी में बंटे कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट
देश के कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसिटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वे डिस्ट्रिक्ट हैं जो सबसे ज्यादा सेंसेटिव हैं। ऐसे कुल 13 डिस्ट्रिक्ट हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नरौरा न्यूक्लियर प्लांट होने की वजह से इसे कैटेगरी 1 डिस्ट्रिक्ट में रखा गया है। इसी तरह कैटेगरी 2 में 201 जबकि कैटेगरी 3 में 45 डिस्ट्रिक्ट हैं। मॉक ड्रिल में सायरन और ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्यों जरूरी है?
मॉक ड्रिल के दौरान सायरन और ब्लैकआउट एक्सरसाइज बेहद जरूरी है, ताकि लोग युद्ध होने पर खुद को और खास जगहों को बचा सकें… मॉक ड्रिल वाले सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स की राज्यवार लिस्ट ————————————————– मॉक ड्रिल से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… तनाव के बीच हमले से बचने की तैयारी; सायरन बजेगा, बिजली कटेगी, 244 जिलों में मॉक ड्रिल मॉक ड्रिल वाले इलाकों में सायरन बजेगा, बिजली कटेगी और लोग छिपने के लिए इधर-उधर भागेंगे। 1971 की जंग के बाद ये पहला मौका है कि लोगों को हमले के दौरान बचने के तरीके सिखाए जाएंगे। इसे लेकर गृह मंत्रालय में 6 मई को हाईलेवल मीटिंग हुई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस चीफ समेत कई हाई रैंक ऑफिसर मौजूद रहे। पूरी खबर पढ़ें… पाकिस्तान से तनाव के बीच मॉक ड्रिल का आदेश, आखिरी बार 1971 में भारत-पाक जंग के दौरान हुआ था केंद्र सरकार ने देश के 244 में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी। इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। पूरी खबर पढ़ें…
देश के कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसिटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वे डिस्ट्रिक्ट हैं जो सबसे ज्यादा सेंसेटिव हैं। ऐसे कुल 13 डिस्ट्रिक्ट हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नरौरा न्यूक्लियर प्लांट होने की वजह से इसे कैटेगरी 1 डिस्ट्रिक्ट में रखा गया है। इसी तरह कैटेगरी 2 में 201 जबकि कैटेगरी 3 में 45 डिस्ट्रिक्ट हैं। मॉक ड्रिल में सायरन और ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्यों जरूरी है?
मॉक ड्रिल के दौरान सायरन और ब्लैकआउट एक्सरसाइज बेहद जरूरी है, ताकि लोग युद्ध होने पर खुद को और खास जगहों को बचा सकें… मॉक ड्रिल वाले सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स की राज्यवार लिस्ट ————————————————– मॉक ड्रिल से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… तनाव के बीच हमले से बचने की तैयारी; सायरन बजेगा, बिजली कटेगी, 244 जिलों में मॉक ड्रिल मॉक ड्रिल वाले इलाकों में सायरन बजेगा, बिजली कटेगी और लोग छिपने के लिए इधर-उधर भागेंगे। 1971 की जंग के बाद ये पहला मौका है कि लोगों को हमले के दौरान बचने के तरीके सिखाए जाएंगे। इसे लेकर गृह मंत्रालय में 6 मई को हाईलेवल मीटिंग हुई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस चीफ समेत कई हाई रैंक ऑफिसर मौजूद रहे। पूरी खबर पढ़ें… पाकिस्तान से तनाव के बीच मॉक ड्रिल का आदेश, आखिरी बार 1971 में भारत-पाक जंग के दौरान हुआ था केंद्र सरकार ने देश के 244 में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी। इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। पूरी खबर पढ़ें…