पाकिस्तान में कोरोना से एक हफ्ते में 4 मौतें:हर दिन 8-10 पॉजिटिव केस; भारत में अब तक कोरोना के 257 नए मामले

पाकिस्तान के कराची में बीते एक हफ्ते में कोरोना की वजह से कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग थे और ये लोग पहले से ही कई बीमारियों से जूझ रहे थे। ये सभी मौतें आगा खान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में हुई है। यहां पर बीते कुछ दिनों से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। एक्सपर्ट्स कोरोना की इस नई लहर को असामान्य बता रहे हैं, क्योंकि कोरोना एक श्वसन रोग है, जो आमतौर पर सर्दियों में ज्यादा फैलता है, लेकिन इस बार गर्मियों में, जब दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है, तब भी मामले बढ़ रहे हैं। इन नए मामलों के लिए कोरोना के JN1 वैरिएंट को वजह माना जा रहा है। हर दिन 8 से 10 कोरोना पॉजिटिव आ रहे कराची के श्वसन रोग एक्सपर्ट् डॉ. जावेद खान ने मीडिया बताया कि पिछले हफ्ते से हर दिन 8 से 10 कोविड-19 के पॉजिटिव मामले देखे जा रहे हैं। वहीं सिंध की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आजरा पेचुहो ने कहा कि फिलहाल पर मौजूदा हालात पर कुछ भी बयान नहीं दे सकती हैं। पाकिस्तान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया- हमें बहुत कम सैंपल मिल रहे हैं, लेकिन उनमें से 10 से 20% सैंपल कोविड पॉजिटिव हैं। समस्या की गंभीरता समझने के लिए हमें और डेटा चाहिए। एशिया में कोरोना के 50 हजार से ज्यादा नए मामले आए बीते कुछ वक्त से एशिया भर में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। सिंगापुर में 13 मई तक कोरोना के 14,200 और थाईलैंड में 17 मई तक 33,030 नए मरीज मिले हैं। हॉन्गकॉन्ग में 10 मई तक 1042 नए केस दर्ज किए गए। भारत में भी 12 मई के बाद से केस बढ़े हैं। 11 राज्यों में नए केस सामने आए हैं। ज्यादातर मामले केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हैं। 19 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आंकड़े दिए, उसके मुताबिक देश में एक्टिव केस 257 हैं। मुंबई में दो मरीजों की मौत की खबर भी आई है। हालांकि, एक्सपर्ट्स कोरोना के इस वैरिएंट को ज्यादा खतरनाक नहीं मान रहे हैं। कोरोना के नए JN1 वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता इस बार संक्रमण के लिए ओमिक्रोन के नए वेरिएंट JN1 और उसके सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह लगे कि ये नए वेरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं। हालांकि, उनका मानना है कि यह लहर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अपना असर दिखा सकती है। इम्यूनिटी को कमजोर करता है​​​​​ JN1 वेरिएंट JN1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। जिसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वेरिएंट बना हुआ है। COVID-19 JN1 के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कहीं भी रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लॉन्ग-COVID हो । यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।