पिता ने कहा-केस मुंबई नहीं होना चाहिए ट्रांसफर, रिया गवाहों पर दबाव बना सकती है; महाराष्ट्र सरकार ने किया सीबीआई जांच का विरोध

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती द्वारा दर्ज याचिका पर 11 अगस्त को सुनवाई होने वाली है। इससे पहले शनिवार को सुशांत के पिता और महाराष्ट्र सरकार ने अलग-अलग इस मामले में जवाब दाखिल किया है। केके सिंह ने केस को मुंबई ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए कहा कि रिया गवाहों पर दबाव बना सकती हैं। वहीं महाराष्ट्र सरकार की ओर से सीबीआई जांच का विरोध करते हुए कहा गया कि बिहार सरकार के पास सिर्फ जीरो एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है। वहां केस दर्ज कर इसे मुंबई ट्रांसफर कर देना चाहिए था।

इससे पहले गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि वर्तमान में मुंबई पुलिस द्वारा जांच की जा रही है, यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नहीं लिया गया है, जैसा कि मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया जा रहा है, यह गलत है। मुंबई पुलिस में इस सिलसिले में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत एडीआर फाइल किया गया है।

महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जबाव दाखिल कर सीबीआई जांच का विरोध किया। सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट अदालत में जमा करवाई। जवाब में कहा कि बिहार पुलिस ने एफईआर दर्ज करने में नियम का पालन नहीं किया। इस मामले में सिर्फ जीरो एफआईआर दर्ज हो सकती है। इसके बाद यह केस महाराष्ट्र सरकार को सौंपना चाहिए था। महाराष्ट्र पुलिस की ओर से नियम से काम किया गया। इस मामले में जांच जारी है।

रिया की अर्जी पर सुशांत के पिता का सुप्रीम कोर्ट में जवाब
सुशांत के पिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में रिया की ट्रांसफर अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया है कि रिया इस मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने सिद्धार्थ पिठानी पर दबाव बनाया है। इसलिए रिया की अर्जी खारिज होनी चाहिए। रिया ने जब खुद सीबीआई जांच की मांग की तो अब इस मामले से परहेज क्यों कर रही हैं। इस मामले की सुनवाई 11 अगस्त को होनी है।

सीबीआई ने पिता द्वारा पटना में दर्ज केस अपने हाथ में लिया है
उन्होंने कहा,”सीबीआई ने पटना में सुशांत सिंह के पिता द्वारा दर्ज मामले की जांच शुरू की है। केंद्र द्वारा बिहार सरकार द्वारा सीबीआई को मामला स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद ऐसा किया गया था। स्पष्ट रूप से, दो अलग-अलग मामले हैं। मुंबई पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और इसे सीबीआई ने नहीं लिया है। गेंद सुप्रीम कोर्ट के पास है, जिसने 19 अगस्त की अगली सुनवाई की तारीख तय की है।”

मुंबई पुलिस के पास इस जांच को करने का अधिकार है
देशमुख ने दोहराया कि मुंबई पुलिस पेशेवर तरीके से जांच कर रही है और यह सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “भले ही बिहार पुलिस ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 12 और 13 के तहत पटना में अपराध दर्ज किया है, लेकिन इसकी जांच और पूछताछ वही पुलिस कर सकती है, जिसके अधिकार क्षेत्र में केस दर्ज किया गया है।”

सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद से ही इस केस में सीबीआई जांच की मांग कई दिनों से अलग-अलग लोगों और संगठनों की ओर से की जा रही थी। सुशांत के पिता के के सिंह ने बिहार पुलिस में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 154 के तहत संज्ञेय अपराध के तौर पर यह मामला दर्ज कराया था। इसी केस को सीबीआई को दिए जाने का दावा गृह मंत्री ने किया है।

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 11 अगस्त को होनी है। इसमें अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने केस को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने की अपील की है।