पितृ पक्ष की नवमी तिथि आज:परिवार की मृत सुहागिन महिलाओं के लिए आज करें श्राद्ध, सुहाग का सामान करें दान

आज (गुरुवार, 26 सितंबर) पितृ पक्ष की नवमी तिथि है, इसे मातृ नवमी कहते हैं। इस तिथि का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि मातृ नवमी पर परिवार की उन महिलाओं के लिए श्राद्ध किए जाता है, जो मरते समय सुहागिन थीं। महिलाओं से था ही आज उन पूर्वजों के लिए भी श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु तिथि नवमी है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा कहते हैं कि पितृ पक्ष में किए गए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य से पितरों को तृप्ति और पितृ लोक में रहने के लिए शक्ति मिलती है। मातृ नवमी पर उन सभी मृत सुहागिन महिलाओं के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य करें, जिनकी मृत्यु तिथि की जानकारी नहीं है। मातृ नवमी पर ध्यान रखें ये बातें श्राद्ध कर्म दोपहर में करीब 12 बजे ही करें, क्योंकि पितरों के लिए धर्म-कर्म करने के लिए यही समय सबसे अच्छा माना जाता है। सुबह घर के मंदिर में अपने इष्टदेव की पूजा करें। पूजा के बाद पितरों के लिए लहसुन-प्याज के बिना शुद्ध खाना बनाएं। दोपहर करीब 12 बजे गाय के गोबर से बना कंडा जलाएं और जब उससे धुआं निकलना बंद हो जाए, तब परिवार की सभी मृत सुहागिन महिलाओं का ध्यान करते हुए अंगारों पर गुड़-घी, खीर-पुड़ी अर्पित करें। उन लोगों के लिए भी गुड़-घी, खीर-पुड़ी अर्पित करें, जिनकी मृत्यु तिथि नवमी है। पितरों से जुड़े धर्म-कर्म के लिए तांबे के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए। धूप देने के बाद हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से पितरों को जल अर्पित करें। घर के बाहर गाय, कौएं, कुत्ते के लिए भी भोजन रखें। जरूरतमंद महिला को सुहाग का सामान जैसे चूड़ियां, साड़ी, कुमकुम, बिंदिया का दान करें। अब जानिए कौन किसके लिए श्राद्ध कर सकता है…