अभी पितृ पक्ष चल रहा है और ये पक्ष 2 अक्टूबर तक रहेगा। इन दिनों में पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि धर्म-कर्म किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में परिवार के पितर अपने वंश के लोगों के घर आते हैं और हमारे द्वारा किए गए धर्म-कर्म से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक परिवार के जिन पूर्वजों की मृत्यु तिथि नहीं मालूम है, उनके लिए श्राद्ध कर्म सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (2 अक्टूबर) पर करना चाहिए। इन दिनों में धूप-ध्यान करने के बाद ब्राह्मण, दामाद, भांजा, मामा, गुरु, नाती के अलावा घर के बाहर जरूरतमंद लोगों को भी भोजन खिलाना चाहिए। अपने सामर्थ्य के हिसाब से रोज धन, अनाज और खाने का दान करना चाहिए। जानिए पितृ पक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?