सोमवार, 6 जुलाई को सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में आ गया है। इससे पहले ये ग्रह 22 जून से आर्द्रा नक्षत्र में था। अब सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में आने से अच्छी बारिश होने के आसार हैं। लेकिन खाद्य सामग्री और सब्जियों के दाम बढ़ने की भी संभावना बन रही है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा के अनुसार सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में तो है लेकिन मिथुन राशि में राहु के साथ युति बना रहा है और शनि के साथ षडाष्टक अशुभ योग भी बन रहा है। ग्रहों की ये अशुभ स्थिति 15 जुलाई तक रहेगी। जिसका असर मौसम, देश-दुनिया और सभी राशियों पर पड़ेगा। इनके प्रभाव से वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं मेष, मिथुन और सिंह राशि वाले लोग सितारों के अशुभ प्रभाव से बच जाएंगे। इनके अलावा कर्क, तुला और मकर राशि वाले लोगों के लिए मिला-जुला समय रहेगा।
कुंभ सहित 6 राशियों के लिए अशुभ समय
सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में आ जाने से वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इन 6 राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। विवाद होने की आशंका है। धन हानि और सेहत संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। नए काम की शुरुआत करने से बचना होगा। कर्जा न लें। कामकाज में लापरवाही और जल्दबाजी करने से भी बचना चाहिए।
मेष, मिथुन और सिंह राशि वालों के लिए अच्छा समय
मेष, मिथुन और सिंह राशि वाले लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। इन राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में तरक्की मिल सकती है। प्रॉपर्टी और आर्थिक मामलों में फायदा मिल सकता है। सेहत के लिए समय अच्छा रहेगा। किस्मत का साथ मिल सकता है। पारिवारिक मामलों के लिए भी समय शुभ कहा जा सकता है। इन 6 राशि वालों पर मौजूदा अशुभ ग्रह स्थिति का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अन्य 3 राशियों के लिए रहेगा मिला-जुला समय
सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में आ जाने से कर्क, तुला और मकर राशि वाले लोगों के लिए मिला-जुला समय रहेगा। इन 3 राशि वाले लोगों को धन लाभ तो होगा, लेकिन खर्चा भी हो जाएगा। कुछ मामलों में सितारों का साथ मिलेगा वहीं कामकाज में रुकावटें, तनाव और विवाद होने की भी आशंका है। सेहत संबंधी परेशानी भी हो सकती है।
क्या करें अशुभ प्रभाव से बचने के लिए
पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए पानी में लाल चंदन मिलाकर सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए। रविवार और सप्तमी तिथि पर बिना नमक का व्रत करना चाहिए। तांबे के बर्तन में गेहूं भरकर दान करें। लाल कपड़े का दान करें। दाहिने हाथ में तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनें। लाल चंदन घीसकर पानी में कुछ बूंदे डालकर नहाएं। रोज सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं और उगते हु सूरज को प्रणाम करें।