पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से जच्चा-बच्चा को भर्ती कराया, लेबर पेन में अस्पताल पहुंची, डॉक्टरों ने कहा घर जाआे, सड़क पर जन्मा बच्चा

लेबर पेन होने के बाद भी डॉक्टरों ने महिला को भर्ती करने की बजाय रात के समय वापस घर भेज दिया। इसके बाद महिला ने बीच सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा गांधी अस्पताल का है। जहां अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला रुखसाना खातून को बीच सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। घटना गुरुवार देर रात करीब 3.30 बजे सीलमपुर मेट्रो स्टेशन की है।

पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर दोनों की हालत स्थिर बताई गई है। पीड़िता के पति मो. नौशाद ने बताया कि पिछले तीन दिन से वह अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे। लेबर रुम के डॉक्टर कभी अल्ट्रासाउंड कराने, कभी खून की जांच बाहर से कराने को कहा। उन्होंने बताया कि उन्होंने बाहर से सभी जांचे करा ली। इसके बाद बुधवार देर रात एक बजे डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया। डॉक्टरों ने कहा अभी तेज पेन नहीं है।

भेजते समय लेबर पेन नहीं था
गर्भवती महिला को 8 सितंबर को अस्पताल में आई थी। इसके बाद 9 को बुलाया और जांच करने के बाद भेज दिया। महिला को 10 सितंबर को सुबह बुलाया था, जो समय पर नहीं पहुंची। बुधवार को महिला को लेबर पेन नहीं था, जिस कारण उसे घर भेज दिया था। वहीं दूसरी ओर महिला अस्पताल की रजिस्टर्ड पेशेंट नहीं थी।
-विजय प्रकाश, पीआरओ, उत्तरी दिल्ली नगर निगम

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The police admitted the mother-child with the help of an ambulance, reached the hospital in labor pens, doctors said go home, the child born on the road