पूजा-पाठ में कलाई पर लाल धागा बांधने की परंपरा:रक्षासूत्र बांधते समय किन बातों का ध्यान रखें और कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

किसी भी देवी-देवता की पूजा करनी हो या कोई अन्य धर्म-कर्म करना हो, पूजा की शुरुआत में ही पंडित हमारी कलाई पर लाल धागा बांधते हैं। लाल धागे के कलावा, मौली और रक्षा सूत्र कहते हैं। जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें… लाल धागा पवित्रता और सकारात्मकता का प्रतीक है। माना जाता है कि जो लोग पूजा-पाठ के दौरान लाल धागा अपनी कलाई पर बांधते हैं, उनके विचार पवित्र और सकारात्मक बनते हैं। लाल धागा बांधने के बाद व्यक्ति के मन में पूजा-पाठ के लिए आस्था जागती है, जिससे वह पूजा पूरी एकाग्रता के साथ कर पाता है। इसे रक्षा सूत्र भी कहते हैं, इसकी वजह से व्यक्ति की नकारात्मकता और दुर्भाग्य से बचता है, ऐसी मान्यता है।