अमेरिका में तीन नंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हेनरी किसिंजर भारतीयों पर की गई टिप्पणी के लिए चर्चा में हैं। उनकी एक पुरानी टेप सामने आई है, जिसमें उनकी भारतीय महिलाओं के लिए उनकी नफरत भरी सोच झलक रही है।
17 जून 1971 को निक्सन और किसिंजर ने इंदिरा गांधी के साथ एक हारी लड़ाई के तौर पर भारतीय महिलाओं के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था। हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रिंसटन प्रोफेसर ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस और लेखक गैरी जे. बास को एक टेप मिली है। टेप से पता चला है कि भारतीय महिलाओं के लिए बेहद ही अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
भारत में अमेरिकी राजदूत को बास्टर्ड बताया था
टेप में बास बताते हैं कि भारत में राजदूत केनेथ बी. कीटिंग को ‘बास्टर्ड’ जैसा बताया गया था। यह समझा जा सकता है कि किसिंजर भारत के बारे में अच्छी राय नहीं रखते थे। उन्होंने निक्सन से कहा था कि भारतीय लोग बड़े ही चापलूस किस्म के होते हैं और वे चाटुकारिता में मास्टर होते हैं। उन्होंने इसका कारण गिनवाते हुए कहा कि यही वजह है कि भारतीय बुरे वक्त में भी 600 सालों तक जीवित बचे रहे।
किसिंजर ने कहा- वे ज्यादातर ‘सेक्सलेस’ हैं और इन लोगों में कुछ नहीं है। उन्होंने अफ्रीकियों के बारे में कहा कि आप देख सकते हैं कि उनमें उनमें एक छोटे से जानवर की तरह आकर्षण है। मगर हे भगवान, वो भारतीय, वो दयनीय हैं।
जून 1971 में निक्सन, किसिंजर और व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ एच. आर. हेडलमैन के बीच बातचीत में भी भारतीयों के प्रति निक्सन की मानसिकता का पता चलता है। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा था कि निसंदेह दुनिया में सबसे बदसूरत महिलाएं भारतीय महिलाएं हैं।
इंदिरा गांधी के खिलाफ थे
किसिंजर तीन जून 1971 को लाखों बंगाली शरणार्थियों को पनाह देने के लिए भारत और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ थे। उस समय हेनरी और रिचर्ड निक्सन ने बंगाली विद्रोह के शरणार्थी प्रवाह के लिए इंदिरा को दोषी माना। किसिंजर ने उनके बारे में कहा, “वे मैला ढोने वाले लोग हैं।”
किसिंजर के लिए यह माना जाता है कि उनका झुकाव पाकिस्तान के पक्ष में ज्यादा रहा। एक बार 10 अगस्त 1971 को पाकिस्तान में चल रही उठा-पटक और बंगाली शरणार्थियों के मुद्दे पर निक्सन के साथ चर्चा के दौरान किसिंजर ने कहा, “मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तानी ठीक लोग हैं, लेकिन उनकी मानसिक संरचना असभ्य (आदिम) है।”