पेट्रोल-डीजल के दाम जल्द कम हो सकते हैं:मार्च से कच्चे तेल की कीमतें 12% घटीं, पेट्रोल-डीजल पर कंपनियों की कमाई 15 रुपए लीटर तक बढ़ी

देश में पेट्रोल-डीजल के दाम 2-3 रुपए लीटर कम हो सकते हैं। मार्च से अब तक कच्चे तेल की कीमतें 12% तक कम हुई है जिस कारण ऑयल मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनियों का मार्जिन बढ़ा है। ऐसे में पेट्रोल- डीजल के दाम में कटौती की गुंजाइश है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंपोर्ट होने वाले क्रूड ऑयल की एवरेज कीमत इस महीने कम होकर 74 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। मार्च में इनके दाम 83-84 डॉलर थे। आखिरी बार मार्च में ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें 2 रुपए प्रति लीटर घटाई गईं थी। इक्रा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गिरीशकुमार कदम ने कहा, ‘मार्च-सितंबर के बीच ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की कमाई पेट्रोल पर 15 रुपए और डीजल पर 12 रुपए प्रति लीटर बढ़ी है। ऐसे में यदि कच्चे तेल के दाम स्थिर रहते हैं, तो दाम 2-3 रुपए लीटर घटाए जा सकते हैं।’ देश में सबसे महंगा पेट्रोल आंध्र प्रदेश में देश में अभी सबसे महंगा पेट्रोल आंध्र प्रदेश में है। यहां एक लीटर पेट्रोल 108.46 रुपए प्रति लीटर है। इसके बाद केरल में 107 रुपए /लीटर, मध्य प्रदेश में 106 रुपए /लीटर और बिहार में 105 रुपए लीटर है। वहीं, आंध्र प्रदेश में डीजल की कीमत 96 रुपए/लीटर है। पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के लिए सभी जरूरी कंपोनेंट सरकार के पक्ष में… मुख्य रूप से 4 बातों पर निर्भर करते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम भारत अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल करता है आयात हम अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदते हैं। इसकी कीमत हमें डॉलर में चुकानी होती है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे होने लगते हैं। कच्चा तेल बैरल में आता है। एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चा तेल होता है। भारत में कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें? जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी। 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।