अक्सर पेट में ऐंठन होती है या घुटने में दर्द रहता है, तो भद्रासन को अपने योग रूटीन में शामिल कीजिए। अंग्रेजी में ‘द ऑस्पीशियस पोज़’ के नाम से भी जाना जाता है। यह घुटने और कूल्हे की हड्डियों को मज़बूत बनाता है। यह बेहद आसान आसन है जो फिजिकली और मेंटली राहत पहुंचाता है। एक्सपर्ट से समझिए इसे करने का सही तरीका और फायदे…
ऐसे करें
- इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैला कर सीधे बैठें और अपने हाथों को कूल्हे के पास रखें। ध्यान रखें आपके शरीर का वजन हाथों पर न पड़े। इस मुद्रा को दंडासन कहा जाता है।
- अब दंडासन की स्थिति में धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने पैरों के तलवों को आपस में जोड़ें। अब हाथों को अपने पैरों के अंगूठों पर कसें और धीरे धीरे अपने दोनों पैरों की एड़ियों को जितना संभव हो उतना मूलाधार के पास लाएं।
- अगर ऐसा करते समाय आपकी जांघें जमीन को न छू रही हों तो आप उनके नीचे तकिया रखकर उन्हें सहारा दे सकते हैं।
- भद्रासन विराम आसन है यानी लंबे समय तक बैठे रहने की मुद्रा। इसलिए अब इस मुद्रा में आंख बंद करके सामान्य रूप से सांस लें और छोडें। कुछ समय तक इस अवस्था में स्थिर रहें।
- अब अपनी आंखें खोलें और धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए और अपने पैरों को सामने की तरफ फैलाते हुए दंडासन की मुद्रा में कुछ समय तक आराम करें।
योग विशेषज्ञ डॉ. नीलोफर से जानिए इसके फायदे
- शरीर को मजबूत बनता है: यह आसान आपके तन और मन दोनों को ढृढ़ता प्रदान करता है। साथ ही दिमाग को स्थिर करता है।
- हड्डियां होती हैं मजबूत: यह घुटने और कूल्हे की हड्डियों को मज़बूत बनाता है और घुटने के दर्द को कम करता है।
- पेट की ऐंठन होगी दूर : यह आसान पेट में होने वाले किसी भी तरह अकड़न या तनाव को कम करने में मददगार है।
- मासिक धर्म के दर्द में राहत: भद्रासन महिलाओं के मासिक धर्म के समय होने वाले पेट दर्द में भी राहत देता है।
- गर्भावस्था में भी लाभकारी: इस आसन को गर्भवती महिलाएं के लिए भी फायदेमंद है।
- सावधानी : गठिया और साइटिका के रोगी यह आसान न करें।