पॉजिटिव महिला के परिजनों का आरोप, रोजाना गंभीर बताकर 29 दिन में 29 लाख का बिल थमाया

गुड़गांव के एक नामी हॉस्पिटल द्वारा कोरोना पेशेंट को 29 दिन तक गंभीर बताकर एडमिट रखने और उसके परिजनों को 29 लाख रुपए का बिल थमाकर डिस्चार्ज नहीं करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पेशेंट के पति ने गुरुवार को सीएमओ गुड़गांव, डीसी गुड़गांव व सीएम मनोहर लाल को शिकायत भेजी है। पीड़ित का आरोप है कि महिला को छाती में दर्द की शिकायत के बाद एक जून को एडमिट कराया था, लेकिन उसी रात को 11 बजे फोन कर अस्पताल प्रबंधन ने महिला को कोरोना पॉजिटिव बताया था।

इसके बाद महिला से कोई संपर्क नहीं हुआ और परिजनों को अस्पताल प्रबंधन लगातार बिल जमा कराने के लिए दबाव बना रहा है। जबकि अस्पताल के एमएस डा. एके दूबे का कहना है कि इस मामले में उनके पास कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं परिजनों का आरोप है कि उन्होंने अपनी जमीन बेचकर 17 लाख रुपए जमा करा दिए हैं। बेशक, कोरोना वायरस महामारी में प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए तरह-तरह की गाइडलाइन जारी की हुई हैं। लेकिन इसके बावजूद भी हॉस्पिटल प्रबंधन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।

गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में एक जून को ऊंचा गांव बल्लभगढ़ की 47 वर्षीय महिला को सीने में दर्द की शिकायत के बाद एडमिट कराया था। इसके बाद उसी दिन देर रात को हॉस्पिटल से फोन कर परिजनों को बताया कि पेशेंट कोरोना पॉजिटिव है और पेशेंट को वेंटीलेटर व आईसीयू में रखना पड़ोगा। शिकायतकर्ता जसवंत ने बताया कि 29 दिन तक एडमिट रहने के दौरान उन्होंने कई बार डाक्टरों से अपनी पत्नी का हालचाल पूछा तो पेशेंट की लगातार हालत गंभीर बताते रहे। पीड़ित ने बताया कि अब अस्पताल की ओर से उन्हें 28 लाख 56 हजार 848 रुपए बिल थमाया है, जिसे देने में वे भी असहाय हैं।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today