प्रियंका बोलीं- नहीं पता वित्तमंत्री किस ग्रह पर रहती हैं:सीतारमण ने लोकसभा में कहा- मोदी सरकार की तुलना में UPA सरकार में ज्यादा महंगाई थी

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा- मुझे नहीं पता कि वह (निर्मला सीतारमण) किस ग्रह पर रह रही हैं। वे कह रही हैं कि महंगाई नहीं है, बेरोजगारी नहीं बढ़ी है, कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। प्रियंका का ये बयान वित्तमंत्री सीतारमण के मंगलवार को संसद में दिए बयान पर आया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में UPA सरकार की तुलना में पीएम मोदी की सरकार में महंगाई काफी कम है। लोकसभा में बजट 2025 पर चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा था- UPA के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान खाद्य महंगाई 11 प्रतिशत थी, जो चौंकाने वाली थी। NDA सरकार के तहत खाद्य महंगाई 2014 से 2024 तक 5.3% तक कम हो गई। यूपीए के समय में देखी गई 10% की दोहरे अंकों की महंगाई अब नहीं है। दूसरे सांसदों ने क्या कहा… महंगाई मैनेजमेंट मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता निर्मला ने कहा था कि महंगाई मैनेजमेंट इस सरकार (मोदी सरकार) की सर्वोच्च प्राथमिकता है। महंगाई ट्रेंड खासतौर से खाद्य महंगाई कम होती दिख रही है। सरकार 2025-26 में लगभग पूरी उधारी का उपयोग पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण के लिए कर रही है। उन्होंने कहा था कि 2008 में भारत पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। इसके बाद उन्होंने कहा कि भारत पांच सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत में बेरोजगारी दर 2017 में 6 प्रतिशत से घटकर 2024 में 3 प्रतिशत हो जाएगी, जो केंद्र के रोजगार मेले का असर है। निर्मला के भाषण की मुख्य बातें… वैश्विक मैक्रो-इकोनॉमिक माहौल में भारी अनिश्चितताएं और बदलाव निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बजट ऐसे समय में आया है जब वैश्विक मैक्रो-इकोनॉमिक माहौल में भारी अनिश्चितताएं और बदलाव हैं। बजट का फोकस गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर है। इसका आधार कृषि, एमएसएमई और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और सुधारों को प्रस्तुत करना था। जो विकास, ग्रामीण समृद्धि और लचीलेपन के प्रावधान के साथ-साथ विकास के इंजन के रूप में थे। उन्होंने कहा था कि 2025-26 के लिए प्रभावी पूंजीगत व्यय 4.3% है और राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4% है। यह दर्शाता है कि सरकार प्रभावी पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण और पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए संपूर्ण उधार संसाधनों का उपयोग कर रही है। सोनिया गांधी ने कहा था- 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून से वंचित बजट सत्र के सातवें दिन 10 फरवरी को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा था कि 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून से बाहर हैं। उन्हें इस कानून के दायरे में लाना चाहिए। सोनिया ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द जनगणना करवानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सितंबर 2013 में UPA सरकार द्वारा पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) देश की 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल थी। इसने लाखों परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर COVID-19 संकट के दौरान। पूरी खबर पढ़ें…