इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने प्रोबा-3 मिशन की लॉन्चिंग एक दिन टाल दी है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को आज यानी, बुधवार शाम 4:08 बजे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) से लॉन्च किया जाना था। इसरो ने बताया कि विसंगति का पता चलने के कारण मिशन को अब गुरुवार यानी, 13 दिसंबर को शाम 4:16 बजे लॉन्च किया जाएगा। ये मिशन यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का है। इसका उद्देश्य दो उपग्रहों: कोरोनोग्राफ और ऑकुल्टर के जरिए सूर्य के बाहरी वातावरण की स्टडी करना है। दोनों सैटेलाइट एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी पर रहेंगे
दोनों सैटेलाइट पृथ्वी की अण्डाकार कक्षा में चक्कर लगाएंगे। पृथ्वी से इनकी सबसे ज्यादा दूसरी 60,530 Km और सबसे कम दूसरी लगभग 600 Km होगी। इस कक्षा में दोनों सैटेलाइट एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी रखने में सक्षम होंगे और एक यूनिट की तरह काम करेंगे। ऑकुल्टर सैटेलाइट में 1.4-मीटर की ऑकुलेटिंग डिस्क लगी है जिसे सूर्य की चमकदार डिस्क को ब्लॉक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे कृत्रिम सूर्य ग्रहण होता है। इस छाया के भीतर कोरोनाग्राफ सैटेलाइट अपने टेलीस्कोप से सोलर कोरोना का निरीक्षण करेगा।
दोनों सैटेलाइट पृथ्वी की अण्डाकार कक्षा में चक्कर लगाएंगे। पृथ्वी से इनकी सबसे ज्यादा दूसरी 60,530 Km और सबसे कम दूसरी लगभग 600 Km होगी। इस कक्षा में दोनों सैटेलाइट एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी रखने में सक्षम होंगे और एक यूनिट की तरह काम करेंगे। ऑकुल्टर सैटेलाइट में 1.4-मीटर की ऑकुलेटिंग डिस्क लगी है जिसे सूर्य की चमकदार डिस्क को ब्लॉक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे कृत्रिम सूर्य ग्रहण होता है। इस छाया के भीतर कोरोनाग्राफ सैटेलाइट अपने टेलीस्कोप से सोलर कोरोना का निरीक्षण करेगा।