हरियाणा के फरीदाबाद पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को दक्षिणी दिल्ली का डीसीपी सुरेंद्र चौधरी बताकर पुलिस को गुमराह किया और पायलट की मांग की। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है। मामले में एक महिला से छेड़छाड़ का भी एंगल सामने आया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने पुलिस पर रौब झाड़ने की कोशिश की और जब पहचान पत्र दिखाने को कहा गया तो वह घबरा गया। शक होने पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, जिसके बाद उसकी सच्चाई सामने आई। अब सिलसिलेवार तरीके से जानिए कैसे पकड़ा गया फर्जी IPS… फरीदाबाद सेंट्रल डीसीपी से मांगी आवश्यक सुविधाएं
पल्ला थाना एसएचओ रणवीर सिंह के अनुसार, बुधवार रात करीब 9:30 बजे फरीदाबाद सेंट्रल डीसीपी उषा मैडम की कॉल आई। उन्होंने बताया कि डीसीपी सुरेंद्र चौधरी फरीदाबाद आ रहे हैं और उनके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने एक मोबाइल नंबर भी दिया, कहा कि- इस नंबर पर बात कर लो। इसके बाद एसएचओ ने दिए गए नंबर पर कॉल किया। कॉल सुनने वाले ( गौरव ) ने खुद को दक्षिणी दिल्ली का डीसीपी सुरेंद्र चौधरी बताते हुए पुलिस पायलट की मांग की। शक होने पर खुली पोल
एसएचओ ने बताया कि फोन पर हुई बातचीत में उसे शक हुआ। इस पर उन्होंने कॉल सुनने वाले को मिलने के लिए बुलाया। कुछ देर बाद ही एक आदमी उनके पास पहुंचा और खुद को डीसीपी सुरेंद्र चौधरी बताया। रणवीर सिंह ने शक की पुष्टि करने के लिए उससे उसका आईडी कार्ड मांगा गया तो वह आनाकानी करने लगा। इसके बाद एसएचओ ने दक्षिणी दिल्ली के जैतपुर थाने से संपर्क किया। वहां से पता चला कि असली डीसीपी सुरेंद्र चौधरी काफी समय पहले ही रिटायर हो चुके हैं। वर्तमान में उनके यहां डीसीपी सुरेंद्र चौधरी के नाम से कोई तैनाती नहीं है। यह जानकारी मिलते ही हिरासत में ले लिया गया। छेड़छाड़ के मामले में भी था आरोपी
आरोपी की पहचान गौरव शर्मा के रूप में हुई। पुलिस जांच में सामने आया कि गौरव शर्मा के खिलाफ फरीदाबाद के सेंट्रल थाने में एक महिला द्वारा छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जब पुलिस उससे पूछताछ करती, तो वह खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर पुलिस को ही धमकाता था। मामला दर्ज, पुलिस खंगाल रही कुंडली
एसएचओ रणवीर सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ फर्जी अधिकारी बनकर सरकारी काम में बाधा डालने, धमकी देने और महिला से दुर्व्यवहार करने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। पल्ला थाना पुलिस इस मामले की आगे जांच कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने इससे पहले कहीं और इसी तरह की हरकतें तो नहीं की।
पल्ला थाना एसएचओ रणवीर सिंह के अनुसार, बुधवार रात करीब 9:30 बजे फरीदाबाद सेंट्रल डीसीपी उषा मैडम की कॉल आई। उन्होंने बताया कि डीसीपी सुरेंद्र चौधरी फरीदाबाद आ रहे हैं और उनके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने एक मोबाइल नंबर भी दिया, कहा कि- इस नंबर पर बात कर लो। इसके बाद एसएचओ ने दिए गए नंबर पर कॉल किया। कॉल सुनने वाले ( गौरव ) ने खुद को दक्षिणी दिल्ली का डीसीपी सुरेंद्र चौधरी बताते हुए पुलिस पायलट की मांग की। शक होने पर खुली पोल
एसएचओ ने बताया कि फोन पर हुई बातचीत में उसे शक हुआ। इस पर उन्होंने कॉल सुनने वाले को मिलने के लिए बुलाया। कुछ देर बाद ही एक आदमी उनके पास पहुंचा और खुद को डीसीपी सुरेंद्र चौधरी बताया। रणवीर सिंह ने शक की पुष्टि करने के लिए उससे उसका आईडी कार्ड मांगा गया तो वह आनाकानी करने लगा। इसके बाद एसएचओ ने दक्षिणी दिल्ली के जैतपुर थाने से संपर्क किया। वहां से पता चला कि असली डीसीपी सुरेंद्र चौधरी काफी समय पहले ही रिटायर हो चुके हैं। वर्तमान में उनके यहां डीसीपी सुरेंद्र चौधरी के नाम से कोई तैनाती नहीं है। यह जानकारी मिलते ही हिरासत में ले लिया गया। छेड़छाड़ के मामले में भी था आरोपी
आरोपी की पहचान गौरव शर्मा के रूप में हुई। पुलिस जांच में सामने आया कि गौरव शर्मा के खिलाफ फरीदाबाद के सेंट्रल थाने में एक महिला द्वारा छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जब पुलिस उससे पूछताछ करती, तो वह खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर पुलिस को ही धमकाता था। मामला दर्ज, पुलिस खंगाल रही कुंडली
एसएचओ रणवीर सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ फर्जी अधिकारी बनकर सरकारी काम में बाधा डालने, धमकी देने और महिला से दुर्व्यवहार करने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। पल्ला थाना पुलिस इस मामले की आगे जांच कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने इससे पहले कहीं और इसी तरह की हरकतें तो नहीं की।