अगर कोई रोज लगभग 2 घंटे से ज्यादा ड्राइविंग करता है तो उसे तकलीफदेह कंडीशन ड्राइवर नी या पैटेलर टेंडिनोपैथी का सामना करना पड़ सकता है। इस कंडीशन में पैटेला यानी घुटने की हड्डी और टिबिया यानी घुटने-टखने के बीच की की हड्डियों में सूजन के कारण होती है। इस कंडीशन में घुटने के आगे के हिस्से में तेज दर्द होता है और खासतौर पर उन लोगों को यह समस्या ज्यादा होती है, जो लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठकर ड्राइव करते हैं। अगर इस दौरान पॉश्चर गलत है तो इसके चांस और बढ़ जाते हैं। अगर किसी भी कारणवश घुटने पर लगातार लंबे समय तक जोर पड़ता है तो इसमें सूजन हो जाती है। अगर रास्ते में भीड़ ज्यादा है तो ड्राइवर को बार-बार ब्रेक और क्लच दबाना पड़ता है। इससे घुटनों पर जोर पड़ता है और ड्राइवर नी यानी पैटेलर टेंडिनोपैथी का जोखिम बढ़ जाता है। आज ‘फिजिकल हेल्थ’ में पैटेलर टेंडिनोपैथी की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- पैटेलर टेंडिनोपैथी क्या है? कार में बार-बार गियर बदलने, क्लच और ब्रेक दबाने से घुटनों पर बार-बार दबाव पड़ता है। इससे घुटने की मांसपेशियां और टेंडन कमजोर हो जाते हैं, जिससे पैटेलर टेंडिनोपैथी हो सकता है। पैटेलर टेंडिनोपैथी के लक्षण क्या हैं? डॉ. सुनील चौधरी कहते हैं कि पैटेलर टेंडिनोपैथी में घुटने के नीचे वाले हिस्से में दर्द और सूजन हो सकती है। यह दर्द शुरुआत में केवल दौड़ने, कूदने या सीढ़ियां चढ़ने के दौरान महसूस होता है, लेकिन कुछ समय बाद यह आराम करने पर भी बना रह सकता है। इसके कारण घुटने में जकड़न और कमजोरी महसूस हो सकती है, जिससे लंबी दूरी तक चलना या दौड़ना मुश्किल हो जाता है। सुबह उठने पर या लंबे समय तक बैठने के बाद घुटने में अकड़न महसूस हो सकती है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह समस्या गंभीर हो सकती है और घुटने को मोड़ना तक मुश्किल हो जाता है। इसका इलाज क्या है? पैटेलर टेंडिनोपैथी के ट्रीटमेंट में आमतौर पर दर्द कम करने, सूजन को कंट्रोल करने और घुटने को फिर से मजबूत बनाने पर फोकस्ड होता है। डॉ. ये सलाह दे सकते हैं- आराम करें- आराम करें और घुटने पर जोर डालने वाली एक्टिविटीज से बचें। बर्फ और गर्म सेंक- सूजन और दर्द कम करने के लिए बर्फ लगाएं। पेन किलर दवाएं- डॉक्टर से कंसल्ट करके पेन किलर खा सकते हैं। स्ट्रेचिंग और फिजियोथेरेपी- क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचिंग करें। नी कैप या पटेला स्ट्रेप- घुटने को सपोर्ट देने के लिए इस्तेमाल करें। स्टेम सेल थेरेपी- गंभीर मामलों में टेंडन रिकवरी के लिए। सर्जरी- जब 6 महीने तक कोई सुधार नहीं होता तो सर्जरी की जरूरत होती है। लाइफस्टाइल में सुधार- वजन कंट्रोल करें। बताई गई एक्सरसाइज करें और न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लें। पैटेलर टेंडिनोपैथी में कौन-कौन सी एक्सरसाइज फायदेमंद है? घुटनों की मजबूती और लचीलापन बनाए रखने के लिए हल्की स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती हैं। ग्राफिक में कुछ जरूरी एक्सरसाइज देखिए- कैसे करें बचाव? सही ड्राइविंग पोजिशन, नियमित स्ट्रेचिंग और सही एक्सरसाइज से इस समस्या से बचा जा सकता है। ड्राइविंग के दौरान इन सावधानियों को अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है: सीट को ज्यादा पीछे न रखें- अपनी सीट को पैडल्स के पास रखें ताकि घुटनों पर कम दबाव पड़े। पैर की पोजिशन सही रखें- पैरों का एंगल 30 डिग्री से ज्यादा नहीं होना चाहिए। सीट की ऊंचाई सही सेट करें- घुटनों को बिना दर्द के 90 डिग्री तक मोड़ने में सुविधा होनी चाहिए। लंबे सफर में ब्रेक लें- हर 45 मिनट में रुककर पैरों को स्ट्रेच करें। क्रूज कंट्रोल का उपयोग करें- लंबे सफर में लगातार दबाव से बचने के लिए जब संभव हो, क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल करें। घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करें- हल्की एक्सरसाइज करें और घुटनों की सुरक्षा के लिए कुशन या नी-सपोर्ट पहनें। ड्राइवर नी से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या ड्राइवर नी सिर्फ मैनुअल कार चलाने वालों को होता है? जवाब: नहीं, ड्राइवर नी सिर्फ मैनुअल कार चलाने वालों तक सीमित नहीं है। यह समस्या उन लोगों को भी हो सकती है जो लंबे समय तक ऑटोमेटिक कार चलाते हैं, खासकर अगर उनके बैठने की पोजीशन सही नहीं है या उनके घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है। मैनुअल कार में बार-बार क्लच और ब्रेक दबाने की वजह से घुटनों पर ज्यादा स्ट्रेस पड़ता है, जिससे यह समस्या जल्दी विकसित हो सकती है। सवाल: क्या लंबे समय तक गाड़ी चलाने से यह समस्या स्थायी हो सकती है? जवाब: हां, अगर सही समय पर इस समस्या का इलाज और बचाव नहीं किया गया, तो यह क्रॉनिक पेन का रूप ले सकती है। लंबे समय तक अनहेल्दी ड्राइविंग पॉश्चर और घुटनों पर पड़ने वाला दबाव कार्टिलेज के घिसने का कारण बन सकता है, जिससे आगे चलकर ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर स्थिति भी हो सकती है। इसलिए यदि आपको घुटनों में बार-बार दर्द, सूजन या जकड़न महसूस हो रही है, तो इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से परामर्श लें। सवाल: क्या नी-कुशन या सपोर्ट पहनने से मदद मिलती है? जवाब: हां, ड्राइविंग के दौरान नी-कुशन या नी-सपोर्ट ब्रेस पहनने से घुटनों पर पड़ने वाला दबाव कम होता है और दर्द में राहत मिलती है। सवाल: अगर ड्राइवर नी की समस्या हो गई है, तो क्या तुरंत गाड़ी चलाना बंद कर देना चाहिए? जवाब: पूरी तरह से गाड़ी चलाना बंद करना जरूरी नहीं है, लेकिन अगर दर्द ज्यादा हो रहा है तो कुछ समय के लिए आराम करना बेहतर होगा। …………………….
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