बदलापुर रेप के आरोपी की पुलिस फायरिंग में मौत:सरकार बोली- रिवॉल्वर छीनकर गोली चलाई थी, पुलिस ने सेल्फ-डिफेंस किया; परिवार का दावा- एनकाउंटर हुआ

महाराष्ट्र के बदलापुर में 12-13 अगस्त को स्कूल में 2 बच्चियों से रेप के आरोपी अक्षय शिंदे की 23 सितंबर को पुलिस फायरिंग में मौत हो गई। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि आरोपी ने जांच के लिए ले जाते समय पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर जवान पर फायरिंग की थी। पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में उस पर गोली चलाई। हालांकि, आरोपी के परिवार ने एनकाउंटर का दावा किया है। अक्षय की मां और चाचा ने कहा कि यह पुलिस और बदलापुर स्कूल प्रबंधन की साजिश है। वह पटाखे फोड़ने और सड़क पार करने से डरता था। फिर पुलिसकर्मियों पर गोली कैसे चला सकता है। परिवार के मुताबिक, अक्षय ने उन्हें बताया था कि पुलिस कस्टडी में उसके साथ मारपीट हो रही है। उसने एक पर्ची भेजकर पैसे भी मांगे थे। परिवार ने कहा कि पुलिस ने अक्षय को जेल में बहुत पीटा था। मामले को दबाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई। वहीं, विपक्ष ने भी सरकार और पुलिस के दावे पर सवाल उठाए हैं। NCP (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पहले FIR दर्ज करने में देरी और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या। यह कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन है। 1 अगस्त को अक्षय ने स्कूल जॉइन किया था, 12-13 अगस्त को यौन शोषण किया
यौन शोषण की घटना के बाद दोनों लड़कियां स्कूल जाने से डर रही थीं। माता-पिता को संदेह हुआ। उन्होंने लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो बात सामने आई। एक पेरेंट्स ने उसी कक्षा की दूसरी लड़की के माता-पिता से संपर्क किया। जब डॉक्टर ने जांच की तो असल घटना सामने आई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा शितोले ने POCSO का मामला होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल की। बाद में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। बच्ची के माता-पिता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बदलापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। दो दिन बाद 16 अगस्त शुक्रवार देर रात केस दर्ज किया गया। 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अक्षय 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। लोगों ने ट्रेनें रोकी थीं, पुलिस पर पथराव किया था घटना को लेकर भीड़ ने 20 अगस्त को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही। शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। तब पुलिस पर भीड़ ने पत्थरबाजी भी की थी। कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बदलापुर स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एसआईटी गठित करने का ऐलान किया। इसके अलावा सरकार ने केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कही थी। राज्य सरकार ने यौन शोषण का केस दर्ज करने से 12 घंटे तक टालते रहे बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही प्रिंसिपल समेत कुछ स्कूल स्टाफ को भी सस्पेंड किया था। आरोपी को दादा बोलती थीं बच्चियां
पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि बच्ची उसे दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) कहकर बुलाती थी। बच्ची के मुताबिक, ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई थी, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी। बाल आयोग बोला था- स्कूल प्रशासन ने केस दबाने की कोशिश की
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया था कि स्कूल ने बच्चियों के पेरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छिपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। मामले को लेकर आयोग CM एकनाथ शिंदे को रिपोर्ट पेश कर चुका है।