बीएसईएस कर्मचारी बनकर वसूली का रैकेट चला रहे एक गैंग का पर्दाफाश पुलिस ने किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से एक बिजली का मीटर और कार बरामद की है। यह गैंग बिजली के मीटर की सील तोड़ने के बाद लोगों को डरा धमकाकर वसूली करता था। इनमें एक आरोपी बिजली कंपनी का ही कांट्रेक्ट कर्मचारी है। आरोपियों की पहचान संगम विहार निवासी सिराज खान और मदनगीर निवासी राजेश सूल के तौर पर हुई।
डीसीपी साउथ डिस्ट्रिक अतुल कुमार ठाकुर ने बताया पीड़ित हर्ष वर्मा ने इस बाबत केस दर्ज कराया था। पुलिस को बताया गया कि उनके घर पांच लोग बीएसईएस कर्मचारी बनकर आए और बिजली मीटर उतारकर ले गए। कहा गया मीटर की सील टूटी हुई है। उसी दिन शाम को कॉल आई, जिसमें बोला गया कि मीटर लैब में चैक कराया गया है। अब उसके खिलाफ केस बनेगा। जिसके एवज में उसे एक लाख रुपए जुर्माना के तौर पर अदा करना पड़ेगा।
इस बीच कॉलर ने 70 हजार रुपए में सैटल मेंट कराने की बात कही। इस वजह से पीड़ित को उसकी बातों पर संदेह हुआ। उसने बीएसईएस ऑफिस जाकर पूछताछ की पता चला उनके घर कोई टीम नहीं गई थी। इस बाबत पुलिस ने वसूली की धारा के तहत केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चैक की। उसमें आरोपी की कार का नंबर मिल गया। इसके बाद पुलिस ने इसी कार की मदद से आरोपी सिराज खान को पकड़ लिया।
पकड़े गए आरोपी कई इलाके में रहने वाले लोगों से इस तरह कर चुके हैं ठगी
आरोपी ने पूछताछ में अपने सहयोगी राजेश सूल का नाम बताया। राजेश बीएसईएस का कांट्रेक्टर कर्मचारी है। ड्यूटी के दौरान वही लोगों के घर जाकर सील तोड़ देता था। फिर उसी मीटर मालिक के बारे में गैंग के सदस्यों को जानकारी दे देता था। इसके बाद जालसाजों की टोली बीएसईएस की टीम बनकर उसके घर जाती और फिर वसूली की कोशिश होती।
इसके बाद पुलिस ने राजेश सूल को भी अरेस्ट कर लिया। राजेश ने बताया वह यह काम साल 2017 से कर रहा था। मदनगीर, सफदरजंग एंक्लेव, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी आदि इलाके में रहने वाले लोगों से इसी अंदाज में ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने फिलहाल एक केस सुलझा लिया है।