किताब- लुक अराउंड लेखक- विजेंद्र चौहान प्रकाशक- युवान बुक्स, अनबाउंड पब्लिकेशन मूल्य- 249 रुपए ‘लुक अराउंड’ मशहूर यूपीएससी इंटरव्यूअर, मेंटर और कम्युनिकेशन कोच विजेंद्र चौहान द्वारा लिखी गई एक मोटिवेशनल सेल्फ-हेल्प बुक है। इस किताब की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सिर्फ प्रेरित नहीं करती, बल्कि मंजिल तक पहुंचने का रास्ता भी दिखाती है। विजेंद्र चौहान ने इसमें अपने हजारों इंटरव्यू के अनुभव और कम्युनिक्शन स्किल की समझ को बेहद सरल और असरदार ढंग से पिरोया है। इसमें हमारी जिंदगी के आसपास से ऐसे ढेरों उदाहरण दिए गए हैं कि हर पाठक को लगेगा- “ये तो मेरे हिस्से की कहानी है।” किताब क्या सिखाती है? ‘लुक अराउंड’ पढ़कर यह समझ आता है कि सफलता सिर्फ पढ़ाई या मेहनत से नहीं मिलती है, बल्कि इसके साथ सही सोच, सेल्फ रिव्यू और प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल से मिलती है। किताब सिखाती है कि हमें ज्ञान के लिए हरदम सिर्फ बाहर की दुनिया की तरफ नहीं देखना होता है, हमें कभी-कभी अपने अंदर भी झांकना चाहिए। यह किताब हमें आत्मविश्वास, व्यवहार, बातचीत के तरीके, इंटरव्यू के लिए जरूरी टिप्स और जिंदगी के प्रति नजरिया बदलने के सूत्र देती है। खास बात ये है कि यह किताब सिर्फ यूपीएससी या जॉब इंटरव्यू की बात नहीं करती, बल्कि यह आपको जिंदगी के हर इंटरव्यू के लिए तैयार करती है। क्या है इस किताब का मकसद? लेखक का इस किताब को लिखने के पीछे का उद्देश्य ये है कि आप किसी भी तैयारी में सबकुछ नजरअंदाज करके अचानक न कूद पड़ें। पता चला इसके कुछ साल बाद हिसाब लगा रहे हैं कि यहां क्यों आए थे? क्या हासिल किया? अब क्या करें? इसके विपरीत इसमें कोशिश की गई है कि परीक्षा के पर्चों के नाम और सिलेबस भर देखने की बजाय उसके इर्द-गिर्द खड़े पूरे ईकोसिस्टम को देखें। इसके बारे में जानें और उसके हिसाब से ही रणनीति बनाएं। 4 भाग में बांटी गई है किताब इस किताब को 4 भागों में बांटा गया है। इसके हर भाग में मिलते-जुलते विषय एक साथ रखे गए हैं। हर अध्याय में लेखक ने जमीनी यथार्थ की नजर से क्रिटिकल मोटिवेशन देने की कोशिश की है। गोल सेटिंग पहले भाग में गोल सेटिंग पर बात की गई है। इसके पहले चैप्टर में अक्सर उठने वाला सवाल है कि ‘कौन है यूपीएससी मटेरियल?’- इसके ऊपर बात की गई है। लेखक ने इस सवाल को ही सिरे से नकार दिया है। उन्होंने लिखा है कि यह रेसिस्ट सोच जैसी सोच है कि कुछ खास लोग ही यूपीएससी की तैयार कर सकते हैं। यूपीएससी की परीक्षा देने वाले अलग लोग नहीं किताब में एक पूरे चैप्टर में यह समझाया गया है कि यूपीएससी मटेरियल जैसी बात निराधार है। अभाव और सुविधाओं की तुलना के सवाल पर यह समझना होगा कि हर विद्यार्थी अलग जमीन से उगा पौधा है। इसलिए इनकी आपस में एक ही कसौटी पर तुलना करना ठीक नहीं होगा। भटकाव से बचें जब दूसरे भाग में लेखक यह बता रहे हैं कि तैयारी कैसे करें तो सबसे पहले ये सिखाते हैं कि भटकाव से बचना जरूरी है। मौजूदा दौर में सोशल मीडिया, स्मार्टफोन और इस उम्र में रिलेशनशिप भटकाव की वजह बन सकते हैं। इसके अलावा कुछ बच्चे हर कोचिंग संस्थान के नोट्स पढ़ लेना चाहते हैं तो उन्होंने यह भी समझाया है कि एक्सेसिव स्टडी मटेरियल से भी बचना होगा। पढ़ाई में कभी दूसरों से कंपैरिजन न करें, सेल्फ गोल रखें। उन्हें पार करते रहें। इन सफलताओं पर खुद को शाबाशी भी दें। सोचने का तरीका बदलें किताब के तीसरे भाग में लेखक ने सोचने के तरीके पर बात की है। उन्होंने सिंपल एग्जांपल्स की मदद से समझाया है कि अगर किसी के सोचने का बेसिक तरीका ही गलत होगा तो इस बात की सबसे ज्यादा संभावना है कि वह गलत नतीजे पर पहुंचेगा। मान लीजिए अगर किसी व्यक्ति के दिमाग में किसी खास वर्ग, जाति या धर्म को लेकर पहले से बायसनेस है तो वह उनसे जुड़े मुद्दे पर स्वतंत्र सोच नहीं बना पाएगा। उसकी सोच में वह बायसनेस झलकेगी। यूपीएससी एस्पिरेंट जब नौकरी के समय फैसले लेगा तो पूरी तरह स्वतंत्र सोच के साथ फैसले लेने होते हैं। किसी भी तरह की बायसनेस से बचना होता है। इसलिए अगर सोच में इस तरह के एरर हैं तो उन पर काम करने की जरूरत है। व्यक्तित्व वाला भाग है खास इसमें लेखक ने बताा है कि कैसे इंटर्वयू के लिए पहले पब्लिक स्पींकिंग का भय दूर करने की जरूरत है। इसके बाद अपनी बॉडी लैंग्वेज पर काम करना चाहिए, क्योंकि कई बार हम कुछ सवालों के जवाब तो सही देते हैं पर हमारी बॉडी लैंग्वेज में भय झलक सकता है। इसे इंटरव्यूअर आपकी कमजोरी के रूप में नोट कर सकता है। लेखक ने इसमें ऐसी कई बातें बताई हैं, जो इंटरव्यू में अपनाई जाएं तो लगभग हर इंटरव्यू पॉजिटिव हो सकता है: कौन पढ़ सकता है? क्यों पढ़ें? लुक अराउंड सिर्फ एक किताब नहीं है, यूपीएससी की तैयारी कर रहे और करने जा रहे बच्चों के लिए एक आईने की तरह है, जो आपको अपना व्यक्तित्व पहचानने में मदद करता है। अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं और आपने अब तक खुद को और एग्जाम को गहराई से नहीं देखा-समझा है तो यह किताब आपके लिए पहला कदम हो सकती है। …………………………..
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