फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में लगातार कटौती हो रही है। ऐसे में अगर आप कहीं ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपका पैसा भी सुरक्षित रहे और आपको टैक्स छूट
का लाभ भी मिले तो वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) या पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF) में निवेश करना सही रहेगा। आज हम आपको इन दोनों योजनाओं के बारे में बता रहें ताकि आपजरूरत के हिसाब से सही जगह निवेश कर सकें।
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) से जुड़ी खास बातें
- EPF में बेसिक सैलरी का सिर्फ 12% ही कॉन्ट्रीब्यूट किया जा सकता है लेकिन VPF में निवेश करने की कोई सीमा नहीं होती। यानी अगर कर्मचारी अपनी इनहैंड सैलरी को कम रखकर भविष्य निधि में योगदान बढ़ाता है तो इस विकल्प को VPF कहते हैं। VPF में 8.5% ब्याज दिया जा रहा है।
- यह ईपीएफ का ही एक्सटेंशन है। इस कारण सिर्फ नौकरीपेशा ही इसे ओपन कर सकते हैं। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी इसका लाभ नहीं उठा सकते। इसमें बेसिक सैलरी का 100 परसेंट और डीए निवेश किया जा सकता है। VPF की ब्याज दर सरकार हर वित्तीय वर्ष में तय करती है।
- आपको अपनी कंपनी के एचआर या फाइनेंस टीम से संपर्क करना होगा और वीपीएफ में कॉन्ट्रीब्यूशन की रिक्वेस्ट करनी होगी। प्रॉसेस होते ही आपके EPF अकाउंट से VPF को जोड़ दिया जाएगा। VPF का अलग से कोई अकाउंट ओपन नहीं होता।
- VPF के योगदान को हर साल संशोधित किया जा सकता है। हालांकि VPF के तहत नियोक्ता पर यह बंदिश नहीं है कि वह भी कर्मचारी के बराबर ही EPF में उच्च योगदान करे।
- यदि आप जॉब चेंज करते हैं तो इस अकाउंट को आसानी से ट्रांसफर करवा सकते हैं। इस पर लोन भी लिया जा सकता है। बच्चों के एजुकेशन, होम लोन, बच्चों की शादी आदि के लिए भी इससे लोन लिया जा सकता है।
- VPF खाते से रकम की आंशिक निकासी के लिए खाताधारक का 5 साल नौकरी करना जरूरी है, वर्ना टैक्स कटता है। VPF की पूरी रकम केवल रिटायरमेंट पर ही निकाली जा सकती है।
- यह स्कीम सरकार की है, इसलिए पूरी तरह से सुरक्षित है और इसमें ब्याज भी ज्यादा मिलता है। इसमें मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता। आप 100 परसेंट तक कॉन्ट्रीब्यूशन इसमें कर सकते हैं।
- VPF पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है। EPF की तरह ही VPF खाते में किय गया निवेश भी EEE कैटेगरी में आता है, यानी इसमें निवेश, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा पूरी तरह टैक्स फ्री है।
- फाइनेंस के रूल ऑफ 72 के तहत देखें तो इसमें पैसा साढ़े 8 साल से भी पहले डबल हो जाता है। VPF में अभी 8.5 परसेंट ब्याज मिल रहा है। 72/8.5=8.47 साल में पैसा डबल हो जाएगा।
PPFसे जुड़ी खास बातें
- इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
- इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
- यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है।
- ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
- इन योजना में निवेश के जरिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट का लाभ लिया जा सकता है। इनमें कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है।
- PPF में फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है फाइनेंस के रूल ऑफ 72 के तहत देखें तो इसमें पैसा डबल होने में 10 साल से भी ज्यादा का समय लगेगा। यानी VPF में डेढ़ साल पहले ही आपका पैसा डबल हो जाएगा।
कहां करें निवेश?
दोनों ही जगह निवेश करके इनकम टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा दोनोंही स्कीम की अपनी खासियत और कमियां हैं। अगर आप नौकरीपेशा है तो VPF में निवेश करना सही रहेगा क्योंकि यहां से आपको PPF की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलेगा। वहीं अगर आपका खुद का व्यवसाय है या आप अपनेबेटे या बेटी के नाम पर निवेश करना चाहते हैं तो आप PPF में निवेश कर सकते हैं।