जिले की बैंक शाखाओं और एटीएम की सुरक्षा को लेकर पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने शनिवार को बैंकर्स के साथ सुरक्षा प्रणाली पर चर्चा कर कई जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल्द ही बैंकों की सुरक्षा प्रणाली की जांच करने की भी बात कही। उन्होंने कहा जिन बैंकों की सुरक्षा मजबूत पाई जाएगी उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। लेकिन जिन बैंकों में सुरक्षा लापरवाही मिली और घटना हुई तो वहां का प्रबंधन खुद जिम्मेदार होगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। बैठक में शहर की 50 से अधिक सरकारी व प्राइवेट बैंकों के प्रतिनिधि शामिल थे। पुलिस कमिश्नर ने एटीएम बूथों की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहाकि यहां हथियारों से लैस प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड जरूर होने चाहिए। जिससे शहर में एटीएम चोरी की घटनाओं को रोका जा सके। फरीदाबाद और पलवल में सरकारी और प्राइवेट बैंकों के एटीएम की संख्या 700 से अधिक है। लेकिन रात के समय करीब 70 फीसदी एटीएम बूथों पर कोई सुरक्षा गार्ड नहीं होते। इसी का फायदा अपराधी उठाते हैं। यूं कहें कि अपराधियों के निशाने पर हमेशा एटीएम बूथ रहते हैं। इसलिए आए दिन कहीं न कहीं एटीएम चोरी की वारदातें होती रहती हैं।
हांलाकि कोरोना काल के दौरान अभी तक ऐसी घटनाएं नहीं हुईं। अब चूंकि सभी को मास्क लगाना अनिवार्य हो गया है तो ऐसे में बैंक और एटीएम बूथों पर घटनाएं बढ़ने की आंशका बढ़ गई है। इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर ने बैंकर्स के साथ सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा कर सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। अभी तक फरीदाबाद और पलवल में एटीएम चोरी की जो भी घटनाएं हुई हैं उनमें मेवात के अपराधियों के शामिल होने की आशंका जताई गई है। लेकिन अभी भी कोई बढ़ा एटीएम चोरी करने वाला गिरोह फरीदाबाद पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है।
बैंकों की सुरक्षा को लेकर इन बिंदुओं पर चर्चा
सेक्टर-12 लघु सचिवालय के सभागार में शनिवार को हुई सरकारी और निजी बैंक के अधिकारियों की बैठक में बैंकों और एटीएम की सुरक्षा प्रणाली पर चर्चा हुई। बैठक में 50 बैंकों की शाखाओं के मैनेजर मौजूद थे। कमिश्नर ने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि शाखाओं और एटीएम पर हथियारों से लैस सुरक्षा गार्ड होने चाहिए। कैश वैन में जीपीएस और कैमरा भी लगाएं। इसके अलावा हाई मेगापिक्सल के सीसीटीवी कैमरे लगे हों ताकि अपराधी किस्म के व्यक्तियों के अच्छे से पहचान हो सके। बैंकों में अलार्म सिस्टम को दुरुस्त किया जाए। उन्होंने कहा अब हर थाने में तैनात किए जाएंगे बैंक लिंकिंग/ लाइजनिंग ऑफिसर। ज्यादा कैश मूवमेंट के लिए पुलिस की मदद लें। लोन वेरिफिकेशन और रिकवरी के लिए लोगों के घरों में सभ्य लोगों को भेजने की व्यवस्था की जाए।
आपराधिक रिकार्ड वाले बाउंसर न रखे जाएं: पुलिस कमिश्नर ने बैंक अधिकारियों से कहा कि अक्सर बैंक बाउंसर टाइप के लोगों को रिकवरी के लिए रखते हैं। बैंक ऐसे लोगों को रखने से पहले सुनिश्चित करें कि ऐसे व्यक्तियों का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है। बैठक में केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, कोटक महिंद्रा, सिटी बैंक, यूनियन बैंक, आईसीआईसीआई, इंडसलैंड बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीबीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, पीएनबी, फेडरल बैंक सहित अन्य बैंकों और विभिन्न शाखाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।