बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार का सीनियर आर्टिस्ट के लिए राहत भरा फैसला दिया है। शुक्रवार को आई इस खबर के अनुसार कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए उस निर्देश को खारिज कर दिया है। जिसमें यह कहा गया था कि कोरोनावायरस संक्रमण के चलते 65 साल से ऊपर के कलाकार और क्रू मेम्बर्स का शूटिंग सेट और आउटडोर शूट पर जाना प्रतिबंधित है। कोर्ट ने इस मामले में दायर की गई दो याचिकाओं पर सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंध भेदभाव पूर्ण फैसला
कोर्ट ने अपने फैसले के दौरान ये सवाल भी पूछा कि केवल टीवी और फिल्म कलाकारों को ही क्यों प्रतिबंधित किया, जबकि 65 वर्ष से अधिक आयु के अन्य क्षेत्रों में काम करने वालों को अपनी दुकानों पर बैठने की अनुमति दी गई है। राज्य सरकार का यह निर्णय भेदभाव पूर्ण लग रहा है। बेंच ने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति को उसकी आजीविका से वंचित नहीं किया जा सकता है। वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी पहले बेंच को बताया था कि फिल्म और टीवी कलाकारों पर राज्य के प्रतिबंध बिना किसी उचित आवेदन और बिना किसी कानून के आधार पर लगाए गए थे।
महाराष्ट्र सरकार ने लगाया थी रोक
महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने फिल्म और टीवी शूट को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी, लेकिन इसमें 10 साल से कम और 65 साल से अधिक उम्र के कलाकारों को सेट पर आने से रोक दिया था। इससे क्रू के सीनियर मेम्बर्स के लिए एक बड़ी चुनौती थी कि वे अपनी आजीविका कैसे चलाएंगे। इस फैसले ने फिल्म और टीवी क्रू के लिए भी चिंता पैदा कर दी थी कि वे अपने काम में निरंतरता कैसे बनाए रख पाएंगे, जहां सीनियर एक्टर्स शामिल थे या कहानी का हिस्सा थे।
हालांकि इसके पहले राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा था कि प्रतिबंध स्थायी नहीं है और 31 जुलाई को नए अनलॉक दिशा-निर्देशों के साथ बदल सकता है।
IMPPA ने भी लगाई थी कोर्ट से गुहार
पिछले महीने, इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले भी विनोद पांडे द्वारा दायर एक याचिका में उन हजारों सदस्यों के काम की बात रखी गई थी। जो फिल्मों और टीवी धारावाहिकों के साथ-साथ शॉर्ट फिल्मों और अन्य प्रोजेक्ट्स का प्रोडक्शन करते हैं। इसलिए एज लिमिट नियम को खत्म करने की अपील की गई थी।