इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर खिलाड़ियों की मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। आईसीए ने 25 से कम फर्स्ट क्लास मैच खेले प्लेयर्स और उनकी विधवाओं को पेंशन मिलने की मांग की है। इस पर 10 महीने बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।
मल्होत्रा ने कहा कि कई क्रिकेटर्स 70 साल से ज्यादा उम्र के हो चुके हैं। वे ज्यादा दिन तक इंतजार नहीं कर सकते हैं, इसलिए बीसीसीआई को खिलाड़ियों और आईसीए की मांगों पर जल्द ध्यान देना चाहिए।
25 से कम फर्स्ट क्लास मैच खेले खिलाड़ियों को भी मिले पेंशन
मल्होत्रा ने बताया, ‘‘उनकी मांगों में सबसे जरूरी पेंशन है। अभी बीसीसीआई 25 से ज्यादा रणजी मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को ही यह सुविधा देती है। हम चाहते हैं कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने वाले हर खिलाड़ी को पेंशन मिले, चाहे उसने सिर्फ एक ही रणजी मैच क्यों न खेला हो।’’
खिलाड़ियों की पत्नियों को भी पेंशन मिले
उन्होंने कहा कि आईसीए ने अपनी मांगों में फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों के विधवाओं को भी पेंशन देने की भी मांग की थी। अभी बीसीसीआई सिर्फ इंटरनेशनल खिलाड़ियों की पत्नियों को ही पेंशन देती है, लेकिन इस पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
मेडिकल इंश्योरेंस को 5 से बढ़ाकर 10 लाख रुपए हो
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किए जाने की भी मांग की है। उस पर भी सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई ने अब तक ध्यान नहीं दिया।’’ इसके अलावा आईसीए ने मांग की थी कि मनोज प्रभाकर की मैच फिक्सिंग की सजा खत्म होने के बाद उन्हें भी बीसीसीआई की योजनाओं का लाभ मिले।
अपेक्स काउंसिल में तीन पूर्व क्रिकेटर
अशोक मल्होत्रा ने कहा कि बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल में तीन पूर्व क्रिकेटर बोर्ड अध्यक्ष गांगुली और आईसीए के प्रतिनिधि शाता रंगस्वामी और अंशुमान गायकवाड़ शामिल हैं। पिछले 10 महीने में अपेक्स काउंसिल की अब तक 4 मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया।
आईसीए को अब तक 2 करोड़ रुपए मिल चुके
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के आधार पर क्रिकेटरों के एसोसिएशन का गठन हुआ था। बीसीसीआई ने अब तक आईसीए को 2 करोड़ रुपए दिए हैं।