भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8% की गिरावट का अनुमान, तीसरी तिमाही में आंशिक सुधार की संभावना

घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 2021 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रोथ पर अनुमान घटाया है। एजेंसी ने अब जीडीपी ग्रोथ में 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है। इससे पहले एजेंसी ने ग्रोथ में 5.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था। इसके अलावा फिच रेटिंग्स ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट का अनुमान जताया है।

लॉकडाउन का असर

कोरोना संकट के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही ( अप्रैल-जून ) में जीडीपी ग्रोथ में रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट रही। इसमें कंस्ट्रक्शन ग्रोथ -51.4 फीसदी, मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ -39.3 फीसदी, माइनिंग सेक्टर ग्रोथ -41.3 फीसदी और ट्रेड, होटल, ट्रासंपोर्ट ग्रोथ -47.4 फीसदी की गिरावट शामिल है। केवल एग्री सेक्टर में 3.5 फीसदी की हल्की बढ़त रही। जीडीपी में भारी गिरावट की वजह कोरोना संकट के बीच लगे लॉकडाउन को माना जा रहा है।

वित्त वर्ष 2022 में सुधार के आसार

इससे पहले वित्त वर्ष 1980 में जीडीपी ग्रोथ रेट में 5.2 फीसदी की गिरावट रही थी। बता दें कि देश में जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े को साल 1951 से जारी किया जाता है। हालांकि इंडिया रेटिंग का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी ग्रोथ रेट 9.9 फीसदी रहेगी।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ग्रोथ का अनुमान

वहीं फिच रेटिंग्स ने भी मंगलवार को जीडीपी ग्रोथ का आकड़ा जारी किया है। एजेंसी को भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की भारी गिरावट का अनुमान है। हालांकि एजेंसी ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर ) में ग्रोथ हो सकती है। इस दौरान अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार धीमी और असमान रहने का भी अनुमान है। फिच रेटिंग्स ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था।

क्या है जीडीपी?
एक साल के भीतर देश में बनाए जा रहे सभी सामानों और सेवाओं का कुल मूल्य जीडीपी कहलाता है। जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को दिखाती है। इससे पता चलता है कि देश का विकास किस तरह हो रहा है। एनएसओ जीडीपी के आंकड़े हर तिमाही यानी साल में चार बार जारी करता है। इसकी गणना कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट्स के जरिए होती है।

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फिच रेटिंग्स ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था।