भारतीय कंपनियों का विदेशी कर्ज सालाना आधार पर इस साल अगस्त में 47% घटकर 1.75 बिलियन डॉलर (12.85 हजार करोड़ रु.) हो गया है। जबकि 2019 में भारतीय कंपनियों ने विदेशी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के जरिए कुल 3.32 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया था। अगस्त में भारतीय कंपनियों ने ईसीबी के तहत लगभग 1.61 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज की रकम जुटाई। यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को जारी किया था।
मसाला बॉन्ड जरिए विदेशी कर्ज
आरबीआई के मुताबिक अगस्त में भारतीय कंपनियों ने मसाला बॉन्ड के जरिए भी 145.74 मिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज जुटाया। जबकि पिछले साल की समान अवधि में भारतीय कंपनियों ने मसाला बॉन्ड के जरिए कोई कर्ज नहीं लिया था। इस दौरान कुल 8 भारतीय कंपनियों ने मसाला बॉन्ड जारी करके विदेशी कर्ज जुटाए। इसमें ओस्ट्रो महाविंड पावर प्रा. लि. (Ostro Mahawind Power Pvt. Ltd.) ने 78.6 मिलियन डॉलर और ओस्ट्रो रिन्युएबल प्रा. लि.(Ostro Renewables Pvt Ltd) ने 20.01 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई। इसके अलावा हेरंबा रिन्यूएबल्स लि. (Heramba Renewables Ltd) और श्रेयस सोलरफर्म्स लि. (Shreyas Solarfarms Ltd) ने क्रमश: 13.33 मिलियन डॉलर और 13.32 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई।
ईसीबी कैटेगरी में ऑटोमेटिक रूट और अप्रुवल रूट
डेटा के मुताबिक ईसीबी कैटेगरी में 1.57 बिलियन डॉलर की रकम ऑटोमेटिक रूट और 35.93 मिलियन डॉलर की रकम अप्रुवल रूट के जरिए जुटाया गया। सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) लिमिटेड ने ईसीबी कैटेगरी में अप्रुवल रूट के जरिए 35.93 मिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज लिया।
ईसीबी कैटेगरी में ऑटोमेटिक रूट के जरिए इन कंपनियों ने लिए विदेशी कर्ज
1. रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स (Reliance Sibur Elastomers) – 339.42 मिलियन डॉलर (2.49 हजार करोड़ रु.)
2. विजयपुरा टोलवे (Vijayapura Tollway) – 264.5 मिलियन डॉलर
3. बीएमडब्ल्यू इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज (BMW India Financial Services) – 88.72 मिलियन डॉलर
4. बिरला कार्बन इंडिया (Birla Carbon India) – 50 मिलियन डॉलर
5. विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (Wistron Infocomm Manufacturing (India) Private Limited) – 45 मिलियन डॉलर