इस साल नए शैक्षणिक सत्र से IIT, NIT, IISc समेत शीर्ष संस्थानों की सीट में बढ़ोतरी की जाएगी। अपने चुनावी घोषणा पत्र के तहत मोदी सरकार 2024 तक इन सीटों में 50 फीसदी बढ़ोतरी कर लेगी। इतना ही नहीं विदेशों की तर्ज पर गुणवत्ता युक्त शिक्षा और रोजगार मुहैया करवाने के मकसद से बाजार की मांग के आधार पर नए कोर्सेस को भी जोड़े जाएगा।
होनहार स्टूडेंट्स को विदेश जाने से रोकना है मकसद
पिछले हफ्ते उच्च शिक्षा को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीट बढ़ोतरी और इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (IOE) की संख्या बढ़ाने पर चर्चा की गई। सीट बढ़ाने का सरकार का मकसद होनहार स्टूडेंट्स को विदेश जाने से रोकना है।
भारतीय स्टूडेंट जिन विषयों और डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई के लिए फॉरेन यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेते हैं, वैसी ही सुविधाएं भारतीय शिक्षण संस्थानों में शुरू की जाएगी। इसके लिए IIT, NIT समेत देश के बेहतरीन संस्थानों में ऐसे कोर्स, डिग्री प्रोग्राम शुरू करने के साथ ही सीटों में भी बढ़ोतरी होगी।
मार्केट डिमांड और रोजगार देने वाले डिग्री प्रोग्राम होंगे शुरू
इस क्रम में ग्रेजुएशन प्रोग्राम में मार्केट डिमांड और रोजगार देने वाले डिग्री प्रोग्राम में सबसे ज्यादा सीटों की बढ़ोतरी होगी, जिससे स्टूडेंट्स भारत में ही रहकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता युक्त पढ़ाई कर सकें। आंकड़ो के मुताबिक 2019 में करीब 7 लाख 50 हजार भारतीय स्टूडेंट्स ने हायर एजुकेशन के लिए फॉरेन यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लिया था।
देश की 30 संस्थानों को IOE का दर्जा
इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस अब 30 के बजाय 50 होंगे। शुरुआत में इनकी संख्या 20 थी, जिसमें से 10 सरकारी और 10 निजी संस्थान शामिल थे। हालांकि, 2018 में इनकी संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई। इसके तहत अभी तक यूजीसी से 20 संस्थानों को IOE का दर्जा मिल चुका है।