ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ग्रुप ने सोमवार को कहा कि भारती इंफ्राटेल में इंडस टावर्स के विलय के लिए उसके कर्जदाताओं ने मंजूरी दे दी है। इन कर्जदाताओं ने भारतीय कंपनी वोडाफोन आईडिया की फंडिंग में मदद की थी। इस मंजूरी के बाद अब दोनों टावर कंपनियां अपने विलय के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के पास आवेदन करेंगी।
वोडाफोन आईडिया की इंडस टावर्स में 11.15 फीसदी हिस्सेदारी है। जिसका बाजार मूल्य करीब 4,000 करोड़ रुपए है। वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने 1 सितंबर 2020 को कहा था कि वह भारती इंफ्राटेल लिमिटेड और इंडस टावर्स के विलय के लिए तैयार है। विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम भारती इंफ्राटेल होगा।
कर्जदाताओं ने वोडाफोन आईडिया के राइट्स इश्यू में निवेश करने के लिए की थी फंडिंग
वोडाफोन ने एक बयान में कहा कि विलय के लिए उसके वर्तमान कर्जदाताओं की मंजूरी जरूरी थी। क्योंकि 2019 में वोडाफोन आईडिया लिमिटेड के राइट्स इश्यू में योगदान करने के लिए वोडाफोन ग्रुप ने इन कर्जदाताओं के करीब 11,100 करोड़ रुपए के लोन का इस्तेमाल किया था।
विलय से जुड़े ट्रांजेक्शंस जल्द पूरे होंगे
वोडाफोन के कर्जदाताओं से स्वीकृति मिलने के बाद अब टावर कंपनियों के विलय से जुड़े पक्ष नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से विलय की अनुमति मांगेंगे। वोडाफोन ने कहा कि सभी पक्ष विलय से संबंधित ट्रांजेक्शंस को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।
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