खालीस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर मामले को लेकर भारत-कनाडा में विवाद के बीच अब अमेरिका का भी बयान आया है। अमेरिका ने भारत पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को कहा- भारत पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार कनाडा के साथ जांच में मदद करे। भारत ने अब तक ऐसा नहीं किया है। इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को दावा किया था कि भारतीय सरकार के अधिकारी निज्जर की हत्या में शामिल थे। ये पहली बार नहीं है जब भारत और कनाडा के बीच तनाव पर अमेरिका ने टिप्पणी की है। पिछले साल सितंबर महीने में कनाडाई पीएम ट्रूडो ने संसद में भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे। तब भी अमेरिका ने भारत से जांच में सहयोग करने की बात कही थी। 3 दिन में भारत-कनाडा के बीच क्या-क्या हुआ? 13 अक्टूबर: कनाडा ने भारत को एक चिट्ठी भेजी। इसमें कहा कि भारतीय हाई-कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमैट्स एक मामले में संदिग्ध हैं। कनाडा ने मामले की जानकारी नहीं दी, पर इसे निज्जर मामले से जोड़कर देखा गया। 14 अक्टूबर: भारत ने अपने डिप्लोटमैट्स को संदिग्ध बताए जाने पर विरोध जताया और कनाडा के राजदूत को तलब किया। कुछ ही घंटों बाद भारत ने संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया। देर रात खबर आई की कनाडा ने भी भारत से अपने 6 राजदूतों को वापस आने का आदेश दिया है। 15 अक्टूबर: कनाडा के प्रधानमंत्री ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया। दावा- अमित शाह के इशारे पर खालिस्तानियों पर हमला हुआ
अमेरिकी मीडिया हाउस वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि गृह मंत्री अमित शाह और रॉ एजेंसी ने मिलकर कनाडा में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और खालिस्तानी आतंकियों पर हमले की इजाजत दी थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने एक कनाडाई अधिकारी के हवाले से बताया कि भारतीय डिप्लोमैट्स कई लोगों पर कनाडा जाने की इजाजत के बदले खुफिया जानकारी देने का दबाव बनाते थे। इस काम का नेतृत्व कनाडा में भारत के हाई कमिश्नर संजय वर्मा करते थे। रिपोर्ट के मुताबिक 12 अक्टूबर को कनाडा के NSA ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को एक मीटिंग में इसकी जानकारी भी दी थी। कनाडा पुलिस ने कहा, भारतीय एजेंट्स ने कई जानकारियां जुटाईं
कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि कनाडा में भारतीय राजनयिक और अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर गुप्त तरीके से भारत सरकार के लिए जानकारियां जुटाई हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने एजेंट्स का इस्तेमाल किया। इनमें से कुछ एजेंट्स को भारत सरकार के साथ काम करने के लिए धमकाया गया और उन पर दबाव बनाया गया। उन्होंने बताया कि भारत ने जो जानकारी जुटाई, उसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। हमने भारत सरकार के अधिकारियों को इसके सबूत दिए थे और उनसे हिंसा को रोकने और सहयोग करने की अपील की थी।’ दोनों देशों के बीच तनाव की वजह खालिस्तानी आतंकी निज्जर, पिछले साल हत्या हुई थी
18 जून 2023 की शाम को कनाडा के सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद 3 मई को निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों आरोपी भारतीय हैं। कनाडाई पुलिस ने कहा कि इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी। उन्हें यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। तब भारत ने इस मामले पर कहा था कि यह कनाडा का आंतरिक मामला है। ट्रूडो के लिए निज्जर का मुद्दा अहम क्यों
कनाडा में अक्टूबर 2025 में संसदीय चुनाव हैं। खालिस्तान समर्थकों को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। हालांकि, पिछले महीने ही ट्रूडो सरकार में शामिल खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था। इस वजह से ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था। 2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल आबादी 3.89 करोड़ है। इनमें 18 लाख भारतीय हैं। ये कनाडा की कुल आबादी का 5% हैं। इनमें से 7 लाख से अधिक सिख हैं, जो कुल आबादी का 2% हैं। निज्जर 27 साल पहले कनाडा गया था, 3 साल पहले आतंकी घोषित ——————————————- कनाडा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर के लिए मौन रखा गया:एक साल पहले हत्या हुई थी; भारत बोला- कनिष्क प्लेन पर आतंकी हमले की बरसी मनाएंगे कनाडा की संसद में 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी गई। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया। कनाडाई संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…
अमेरिकी मीडिया हाउस वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि गृह मंत्री अमित शाह और रॉ एजेंसी ने मिलकर कनाडा में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और खालिस्तानी आतंकियों पर हमले की इजाजत दी थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने एक कनाडाई अधिकारी के हवाले से बताया कि भारतीय डिप्लोमैट्स कई लोगों पर कनाडा जाने की इजाजत के बदले खुफिया जानकारी देने का दबाव बनाते थे। इस काम का नेतृत्व कनाडा में भारत के हाई कमिश्नर संजय वर्मा करते थे। रिपोर्ट के मुताबिक 12 अक्टूबर को कनाडा के NSA ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को एक मीटिंग में इसकी जानकारी भी दी थी। कनाडा पुलिस ने कहा, भारतीय एजेंट्स ने कई जानकारियां जुटाईं
कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि कनाडा में भारतीय राजनयिक और अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर गुप्त तरीके से भारत सरकार के लिए जानकारियां जुटाई हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने एजेंट्स का इस्तेमाल किया। इनमें से कुछ एजेंट्स को भारत सरकार के साथ काम करने के लिए धमकाया गया और उन पर दबाव बनाया गया। उन्होंने बताया कि भारत ने जो जानकारी जुटाई, उसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। हमने भारत सरकार के अधिकारियों को इसके सबूत दिए थे और उनसे हिंसा को रोकने और सहयोग करने की अपील की थी।’ दोनों देशों के बीच तनाव की वजह खालिस्तानी आतंकी निज्जर, पिछले साल हत्या हुई थी
18 जून 2023 की शाम को कनाडा के सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद 3 मई को निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों आरोपी भारतीय हैं। कनाडाई पुलिस ने कहा कि इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी। उन्हें यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। तब भारत ने इस मामले पर कहा था कि यह कनाडा का आंतरिक मामला है। ट्रूडो के लिए निज्जर का मुद्दा अहम क्यों
कनाडा में अक्टूबर 2025 में संसदीय चुनाव हैं। खालिस्तान समर्थकों को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। हालांकि, पिछले महीने ही ट्रूडो सरकार में शामिल खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था। इस वजह से ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था। 2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल आबादी 3.89 करोड़ है। इनमें 18 लाख भारतीय हैं। ये कनाडा की कुल आबादी का 5% हैं। इनमें से 7 लाख से अधिक सिख हैं, जो कुल आबादी का 2% हैं। निज्जर 27 साल पहले कनाडा गया था, 3 साल पहले आतंकी घोषित ——————————————- कनाडा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर के लिए मौन रखा गया:एक साल पहले हत्या हुई थी; भारत बोला- कनिष्क प्लेन पर आतंकी हमले की बरसी मनाएंगे कनाडा की संसद में 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी गई। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया। कनाडाई संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…