आषाढ़ पूर्णिमा, (गुरु पूर्णिमा) के मौके पर शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ यानी आईबीसी की ओर से आयोजित समारोह का उद्घाटन किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने महात्मा बुद्ध के आदर्शों को सामने रखा और देश को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि भारत को धर्म की उत्पत्ति भूमि होने पर गर्व है।
यह भारत से पड़ोसी क्षेत्रों में फैलने लगा। वहां नई उपजाऊ मिट्टी और नई जलवायु में यह काफी हद तक बढ़ गया, अंततः विभिन्न ऑफशूटों में बंट रहा है। राष्ट्रपति कोविंद ने इस मौके पर कहा कि आज से लगभग 2500 साल पहले आषाढ़ पूर्णिमा पर पहली बार बुद्धि शब्द बोला गया था। आत्मज्ञान प्राप्त होने पर बुद्ध ने वर्णन से परे एक राज्य में 5 सप्ताह बिताए। फिर उन्होंने उन लोगों के साथ इसे साझा करना शुरू कर दिया, जिन्हें उन्होंने खोजा था।