कुलभूषण जाधव मामले में भारत-पाकिस्तान में तनातनी बढ़ती ही जा रही है। भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कुलभूषण मामले में पाकिस्तान ने भारत के सामने कोई रास्ता नहीं छोड़ा है। पाकिस्तान लगातार इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करता आ रहा है। भारत अपने अधिकारों के तहत आगे के कदमों पर विचार कर रहा है।
Pakistan has blocked all avenues for effective remedy available to India. It stands in violation of ICJ judgement & its own Ordinance. India reserves its position incl right to avail of further remedies: MEA on Pak govt moving Islamabad HC to appoint lawyer for Kulbhushan Jadhav pic.twitter.com/OltYd1S0ON
— ANI (@ANI) July 23, 2020
इससे पहले, बुधवार को पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से कुलभूषण जाधव को वकील देने की अपील की थी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान का दावा था कि मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले को लागू करने के लिए पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है।
तीसरे कॉन्स्युलर एक्सेस की पेशकश के बाद उठाया कदम
पाकिस्तान ने ये कदम ऐसे समय उठाया, जब कुछ दिन पहले ही उसने कुलभूषण जाधव मामले में तीसरे कॉन्स्युलर एक्सेस देने की पेशकश की थी। इससे पहले दूसरे कॉन्स्युलर एक्सेस के बाद भारत ने कहा था कि जाधव तनाव में थे। पाकिस्तान ने जाधव और कॉन्स्युलर अधिकारियों को मुलाकात के लिए जिस तरह की व्यवस्थाएं की गई थीं, उनमें खुलकर बातचीत नहीं की जा सकती थी। भारत ने कहा था कि जाधव से भारतीय अफसरों की मुलाकात बिना रुकावट, बिना शर्त और बिना व्यवधान वाली नहीं थी।
जाधव मामला: एक नजर में
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के जासूस हैं। भारत उन्हें कारोबारी बताता है। पाकिस्तान कहता है कि जाधव को 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। भारत कहता है कि जाधव को ईरान से अगवा करके लाया गया। 2017 में पाकिस्तानी की फौजी अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई। भारत आईसीजे गया। वहां सजा के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई। पाकिस्तान से कॉन्स्युलर एक्सेस देने को कहा गया।
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