भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सीनियर एडवाइजर जेसन मिलर को वॉशिंगटन में अपना लॉबिस्ट अपॉइन्ट किया है। वहीं पाकिस्तान ने ट्रम्प के पूर्व बॉडीगार्ड कीथ शिलर को अमेरिका में अपना प्रतिनिधि बनाया है। यह कदम तब उठाया गया जब हाल ही में 7 मई से 10 मई तक 4 दिन संघर्ष के बाद भारत और पाकिस्तान ने दुनिया भर में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए डिप्लोमैटिक कोशिशें तेज कर दी हैं। भारत अमेरिका में अपने हितों को बढ़ावा देने के लिए 1950 के दशक से लॉबिंग फर्मों का इस्तेमाल कर रहा है। भारत अब तक BGR गवर्नमेंट अफेयर्स, स्क्वायर सैंडर्स एंड डेम्पसी और रोसेन एंड फ्रेड जैसी लॉबिंग फर्मों को सर्विस ले चुका है। 2019 में जब भारत ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था, तब भी अपनी पॉजिटिव इमेज बनाने के लिए अमेरिकी लॉबिंग फर्म कॉर्नरस्टोन गवर्नमेंट अफेयर्स की सर्विस ली थी। लॉबिस्ट कैसे काम करता है आसान भाषा में समझिए… लॉबिस्ट एक ऐसा इंसान होता है जो सरकारी नीतियों, कानूनों और फैसलों को प्रभावित करता है। यह किसी ग्रुप, बिजनेस और इंसान की तरफ से वकालत करता है। यह सरकारी फैसलों पर असर डालते के लिए डेटा, कम्युनिकेशन और पर्सनल संबंधों का इस्तेमाल करता है। लॉबिस्ट के काम को ऐसे समझिए कि एक दवाई बनाने वाली कंपनी चाहती है कि सरकार उसकी नई दवा को जल्दी मंजूरी दे दे। अब कंपनी खुद सीधे मंत्री से तो नहीं मिल सकती, इसलिए वह एक लॉबिस्ट को हायर करती है। ये लॉबिस्ट नेताओं, अधिकारियों से मिलकर कंपनी की बात रखता है, उन्हें समझाता है कि ये दवा जरूरी है, लोगों का भला होगा वगैरह-वगैरह। बदले में कंपनी उसे पैसे देती है। आसान शब्दों में कहें तो लॉबिस्ट सरकार और प्राइवेट कंपनियों के बीच का पुल है, जो अपने क्लाइंट का फायदा चाहता है। मिलर ट्रम्प के दिमाग को बेहतर तरीके से जानते हैं जेसन मिलर को भारत सरकार ने एक साल के लिए हर महीने 1.50 लाख डॉलर (12 करोड़ रुपए) फीस पर अपॉइन्ट किया है। जेसन मिलर का राजनीतिक सफर 2011 में शुरू हुआ, जब उन्होंने ट्रम्प को 2012 में अर्ली इलेक्शन कैंपेन की सलाह दी थी। मिलर 2016 में ट्रम्प के प्रेसिडेंट कैंपेन में सीनियर कम्युनिकेशन एडवाइजर थे। उन्होंने ट्रम्प के मैसेज को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए मीडिया स्ट्रैटजी बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। 2019 में, जेसन मिलर ने स्टीव बैनन के साथ मिलकर ‘वॉर रूम: इम्पीचमेंट’ पॉडकास्ट शुरू किया, ताकि ट्रम्प पर महाभियोग ट्रायल के दौरान उनके समर्थन में लोगों को एकजुट किया जा सके। जनवरी 2021 में कैपिटल दंगों के बाद इस पॉडकास्ट को यूट्यूब से हटा दिया गया। मिलर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में भी ट्रम्प की टीम का हिस्सा थे। माना जाता है कि मिलर ट्रम्प के दिमाग को बहुत बेहतर तरीके से समझते हैं। मिलर ने ट्रम्प के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ को शुरू करने में भी भूमिका निभाई और वे ट्रम्प समर्थक मीडिया में एक्टिव स्पीकर थे। उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है। मिलर ने कई रिपब्लिकन नेताओं और उम्मीदवारों के लिए काम किया, जिसमें कैंपेन स्ट्रैटजी और मीडिया मैनेजमेंट शामिल है। मिलर का काम अमेरिकी सरकार और प्राइवेट सेक्टर के सामने भारत के हितों को प्रभावी ढंग से रखना है। मिलर को पॉलिटिकल स्ट्रैटजी और डिजास्टर मैनेजमेंट में एक्सपर्ट माना जाता है। कीथ शिलर ट्रम्प के सबसे वफादार सहयोगी कीथ शिलर लंबे वक्त तक डोनाल्ड ट्रम्प के बॉडीगार्ड और करीबी सहयोगी रहे हैं। वे अपनी वफादारी और चुप्पी के लिए मशहूर हैं। शिलर न्यूयॉर्क पुलिस में अधिकारी रह चुके हैं, उन्होंने बाद में ट्रम्प सरकार में भी खास भूमिका निभाई थी। शिलर ने न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट (NYPD) में अपने करियर की शुरुआत की, जहां वे एक पुलिस अधिकारी थे। शिलर को 1999 में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी की सिफारिश पर ट्रम्प की तत्कालीन पत्नी मार्ला मैपल्स का बॉडीगार्ड नियुक्त किया गया। 2002 में NYPD से रिटायर होने के बाद, शिलर ने ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन में फुल टाइम काम शुरू किया। ट्रम्प ने 2004 में उन्हें ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन का सिक्योरिटी डायरेक्टर नियुक्त किया। शिलर ट्रम्प के प्राइवेट बॉडीगार्ड थे और लगभग दो दशकों तक उनके साथ रहे। साल 2017 में, जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो शिलर को डिप्टी असिस्टेंट टू द प्रेसिडेंट और ओवल ऑफिस ऑपरेशन्स का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। 2017 के आखिर में शिलर ने व्हाइट हाउस छोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तत्कालीन चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली ने उनकी राष्ट्रपति तक सीधी पहुंच को रोक दिया था, जिसके बाद शिलर ने इस्तीफा दे दिया। दिसंबर 2024 में शिलर ने जॉर्जेस सॉरेल (ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व हेड ऑफ कम्पलाइनेंस) के साथ मिलकर जेवलिन एडवाइजर्स की स्थापना की। यह फर्म अब पाकिस्तान के लिए लॉबिंग कर रही है। ———————————- यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प के परिवार को 13 हजार करोड़ का गिफ्ट:वियतनाम ने गोल्फ रिसॉर्ट दिया; अमेरिका से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहे देश डोनाल्ड ट्रम्प की सत्ता में वापसी के बाद से उनके परिवार की कारोबारी गतिविधियों में नई हलचल दिख रही है। वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे एशियाई देश अब ट्रम्प कुनबे को अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट्स देकर अमेरिका से रिश्ते बेहतर करने की होड़ में लग चुके हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…