देश में भगवान राम के तो पौराणिक महत्व के कई मंदिर हैं। कम ही लोग जानते हैं कि भगवान राम की बड़ी बहन शांता के भी भारत में दो मंदिर है। हालांकि, वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस दोनों ही ग्रंथों में भगवान राम की किसी बहन का जिक्र नहीं है। लेकिन, कुछ लोक कथाओं में भगवान राम की बहन का जिक्र मिलता है।
शांता, दशरथ और कौशल्या की बेटी थीं, कौशल्या की बहन वर्षिणी और उनके पति रोमपाद जो अंगदेश में राजा थे, उनकी कोई संतान नहीं थी। दशरथ और कौशल्या ने शांता को उन्हें गोद दे दिया था। बाद में, राजा रोमपाद ने श्रंगी ऋषि से उनका विवाह कराया था। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और कर्नाटक के श्रंगेरी में श्रंगी ऋषि और शांता के मंदिर हैं। श्रंगेरी शहर का नाम श्रंगी ऋषि के नाम पर ही है। यहीं उनका जन्म हुआ था।
दक्षिण भारत में, खासतौर पर कर्नाटक, केरल के कुछ इलाकों में भगवान राम की बहन की मान्यता है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ सहित कुछ और इलाकों में भी ये मान्यता है कि भगवान राम के जन्म से पहले दशरथ और कौशल्या की एक संतान थी, जिसका नाम शांता था। उसे अंगदेश (वर्तमान बिहार में भागलपुर के आसपास) के राजा रोमपाद ने गोद लिया था क्योंकि उन्हें कोई संतान नहीं थी। कुछ ब्राह्मणों के शाप के कारण अंगदेश में अकाल पड़ गया था।
इससे मुक्ति के लिए राजा रोमपाद ने श्रंगी ऋषि से यज्ञ कराया था। इन्हीं श्रंगी ऋषि से इन्होंने शांता का विवाह किया था। बाद में श्रंगी ऋषि ने ही राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था, जिसमें प्रसाद स्वरूप भगवान राम और उनके तीनों भाइयों का जन्म हुआ था। श्रंगी ऋषि का जन्म विभांडक ऋषि के यहां हुआ था। जहां उनका जन्म हुआ उस स्थान का नाम श्रंगेरी है, जो इस समय कर्नाटक में है। श्रंगेरी के पास ही इसी नाम से एक पर्वत भी है।