भूतड़ी अमावस्या पर बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए स्नान:एमपी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़; कहीं कपड़े-जूते छोड़ने की परंपरा, कहीं तलवार लेकर पूजा

चैत्र माह की शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालु डुबकी लगाने घाटों पर पहुंच रहे हैं। इसे भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं, जिसके चलते लोग बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए पूजन-पाठ कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के घाटों पर देर रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। स्नान का सिलसिला शनिवार शाम तक चलेगा। उज्जैन में शुक्रवार रात 12 बजे से ही लोग त्रिवेणी घाट और शिप्रा तट पर पहुंचने लगे थे। स्नान के बाद श्रद्धालु शनि देव और नवग्रह का पूजन कर रहे हैं। दावा है कि करीब तीन लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए श्री शनि नवग्रह मंदिर पहुंचेंगे। जबलपुर में नर्मदा घाटों पर स्नान-पूजन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। गौरी घाट और तिलवारा घाट में स्नान के बाद शनिदेव की पूजा के साथ ही लोग कथा भी सुन रहें हैं। आज शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। नर्मदापुरम में सुबह 5 बजे से ब्रह्म मुहूर्त में स्नान शुरू हुआ। शहर के सेठानी घाट, विवेकानंद घाट, गोंदरी घाट, पोस्ट ऑफिस घाट, पर्यटन घाट, कोरी घाट, बांद्राभान घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद हैं। तंत्र साधक भी घाटों पर पूजन करने आए हैं। ओंकारेश्वर में भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा घाटों पर श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। यहां शाम तक एक लाख लोगों के नर्मदा स्नान किए जाने की संभावना है। शनिवार सुबह 11 बजे तक ओंकारेश्वर और मोरटक्का में 50 हजार श्रद्धालु स्नान कर चुके है। आज साल की पहली शनैश्चरी अमावस्या
शनिदेव की जन्म तिथि भीआज साल की पहली शनैश्चरी अमावस्या है। पुराणों में शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को महत्वपूर्ण बताया है। स्कंद, पद्म और विष्णुधार्मोत्तर पुराण के मुताबिक शनैश्चरी अमावस्या पर तीर्थ स्नान या पवित्र नदियों में नहाने से हर तरह के पाप खत्म होते हैं। मान्यता है कि इस पर्व पर किए गए दान से कई यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है। इस अमावस्या पर किए श्राद्ध से पितर पूरे साल के लिए संतुष्ट हो जाते हैं।ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार शनि की जन्म तिथि भी अमावस्या है, इसलिए धर्म और ज्योतिषी नजरिये से शनैश्चरी अमावस्या को बेहद खास माना जाता है। शनिश्चरी अमावस्या पर घाटों की 4 तस्वीरें…