मणिपुर में फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के पहले दिन शनिवार को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 40 लोग घायल हुए हैं। राज्य में 8 मार्च से सभी इलाकों में सामान्य आवाजाही शुरू की गई, जिसका कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध किया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों की शनिवार की कार्रवाई के खिलाफ कुकी-जो समूहों द्वारा अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है। कांगपोकपी जिले में रविवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण लेकिन शांत है। यहां अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की है। गुलेल का भी इस्तेमाल किया गया है। सुरक्षा बलों के 5 वाहनों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। झड़प के दौरान 16 प्रदर्शनकारी घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की चोटों के कारण मौत हो गई। वाहन जलाए, सड़कों पर पेड़ काटकर डाल दिए
इससे पहले शनिवार को कुकी समुदाय ने प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर पत्थर बिछाकर और टायर जलाकर सड़कें ब्लॉक करने की कोशिश की। कई जगह वाहनों में आग लगा दी गई। बसों को पलट दिया गया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। हाईवे पर पेट्रोलिंग की जा रही है
कांगपोकपी जिले के एक अधिकारी ने बताया कि एनएच-2 (इम्फाल-दीमापुर रोड) के साथ गमघीफई और अन्य हिस्सों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वाहनों की गश्त की जा रही है। ITLF ने अनिश्चितकालीन बंद का समर्थन किया
कुकी-जो के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने कुकी जो काउंसिल (KZC) द्वारा बुलाए गए अनिश्चितकालीन बंद का समर्थन किया है। संगठन ने कहा कि शनिवार को प्रदर्शन में शामिल लोगों का हम सम्मान करते हैं। लोगों से अपील है कि वे बंद का समर्थन करें। कुकी बोले- सरकार फैसले पर फिर विचार करे
कुकी काउंसिल ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा- झड़प में 50 से ज्यादा महिलाएं घायल हुई हैं। सुरक्षाकर्मियों के बल प्रयोग करने से हमारा संकल्प और भी मजबूत हो गया है। काउंसिल शांति का समर्थन करती है लेकिन शांति थोपने से नाराजगी और संघर्ष होगा। हम सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह करते हैं। काउंसिल मैतेई लोगों की स्वतंत्र आवाजाही की गारंटी नहीं दे सकती। हम किसी भी अप्रिय घटना के जिम्मेदार नहीं होंगे। सरकार के फैसले का तब तक कड़ा विरोध किया जाएगा जब तक समुदाय के लिए स्थायी शांति का राजनीतिक समाधान नहीं निकल जाता। अमित शाह ने फ्री मूवमेंट का ऐलान किया था
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव बोले- सामान्य स्थिति बहाल होगी
मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हम सभी प्रयास कर रहे हैं। राजधानी इंफाल से चुराचांदपुर के बीच हेलिकॉप्टर सेवाएं 12 मार्च से शुरू होंगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। CM बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से सभी लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था। अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें… —————————————– मणिपुर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मणिपुर हिंसा के 600 दिन- सेना की सख्ती के कारण 1 महीने से शांति, ‘ऑपरेशन क्लीन’ से 20 उग्रवादी पकड़े 22 दिसंबर, 2024 को मणिपुर में जातीय हिंसा के 600 दिन पूरे हुए थे। इन 600 दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब लगातार एक महीने से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। छिटपुट प्रदर्शन के लिए भी नहीं हुए। सरकारी दफ्तर रोजाना खुले और स्कूल में बच्चों की तादाद बढ़ी। पूरी खबर पढ़ें…
इससे पहले शनिवार को कुकी समुदाय ने प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर पत्थर बिछाकर और टायर जलाकर सड़कें ब्लॉक करने की कोशिश की। कई जगह वाहनों में आग लगा दी गई। बसों को पलट दिया गया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। हाईवे पर पेट्रोलिंग की जा रही है
कांगपोकपी जिले के एक अधिकारी ने बताया कि एनएच-2 (इम्फाल-दीमापुर रोड) के साथ गमघीफई और अन्य हिस्सों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वाहनों की गश्त की जा रही है। ITLF ने अनिश्चितकालीन बंद का समर्थन किया
कुकी-जो के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने कुकी जो काउंसिल (KZC) द्वारा बुलाए गए अनिश्चितकालीन बंद का समर्थन किया है। संगठन ने कहा कि शनिवार को प्रदर्शन में शामिल लोगों का हम सम्मान करते हैं। लोगों से अपील है कि वे बंद का समर्थन करें। कुकी बोले- सरकार फैसले पर फिर विचार करे
कुकी काउंसिल ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा- झड़प में 50 से ज्यादा महिलाएं घायल हुई हैं। सुरक्षाकर्मियों के बल प्रयोग करने से हमारा संकल्प और भी मजबूत हो गया है। काउंसिल शांति का समर्थन करती है लेकिन शांति थोपने से नाराजगी और संघर्ष होगा। हम सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह करते हैं। काउंसिल मैतेई लोगों की स्वतंत्र आवाजाही की गारंटी नहीं दे सकती। हम किसी भी अप्रिय घटना के जिम्मेदार नहीं होंगे। सरकार के फैसले का तब तक कड़ा विरोध किया जाएगा जब तक समुदाय के लिए स्थायी शांति का राजनीतिक समाधान नहीं निकल जाता। अमित शाह ने फ्री मूवमेंट का ऐलान किया था
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव बोले- सामान्य स्थिति बहाल होगी
मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हम सभी प्रयास कर रहे हैं। राजधानी इंफाल से चुराचांदपुर के बीच हेलिकॉप्टर सेवाएं 12 मार्च से शुरू होंगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। CM बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से सभी लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था। अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें… —————————————– मणिपुर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मणिपुर हिंसा के 600 दिन- सेना की सख्ती के कारण 1 महीने से शांति, ‘ऑपरेशन क्लीन’ से 20 उग्रवादी पकड़े 22 दिसंबर, 2024 को मणिपुर में जातीय हिंसा के 600 दिन पूरे हुए थे। इन 600 दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब लगातार एक महीने से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। छिटपुट प्रदर्शन के लिए भी नहीं हुए। सरकारी दफ्तर रोजाना खुले और स्कूल में बच्चों की तादाद बढ़ी। पूरी खबर पढ़ें…