‘‘मसान’, ‘पीकू’ जैसी फिल्में असली सिनेमा’:परेश रावल बोले- ये फिल्में दिल छू लेने वाली; सुरजीत सरकार संग काम करने की जताई ख्वाहिश

हाल ही में एक्टर परेश रावल की फिल्म ‘द स्टोरी टेलर’ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है। इस फिल्म में उनके साथ आदिल हुसैन और रेवती भी मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में परेश रावल ने एक कहानीकार की भूमिका निभाई है, जो अपनी जिंदगी की सच्चाई को दर्शाता है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने इस फिल्म के बारे में विस्तार से बात की और अपने करियर के अनुभव भी साझा किए। ‘द स्टोरी टेलर’ का हिस्सा बनना बड़ी खुशी परेश रावल कहते हैं, ‘इतनी बेहतरीन कहानी का हिस्सा बनना बहुत खुशी की बात है। ऐसे मौके जिंदगी में बहुत कम आते हैं। जब अच्छे डायरेक्टर, राइटर, एक्टर और प्रोड्यूसर के साथ काम करने का मौका मिलता है, तो मजा और बढ़ जाता है। फिल्म में काम करते हुए महसूस हुआ कि जब किसी महान लेखक की कहानी पर आधारित फिल्म में काम करने का मौका मिलता है, तो वह गर्व की बात होती है। मैं सत्यजीत रे के काम का गहरा सम्मान करता हूं और उनका बड़ा प्रशंसक रहा हूं। उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिला, लेकिन उनकी लिखी कहानी में काम करना भी मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’ कोलकाता में शूटिंग का अनुभव रावल ने कोलकाता में शूटिंग का अनुभव भी साझा किया। उन्होंने कहा, ‘कोलकाता की भीड़ में एक अलग ही एनर्जी महसूस होती थी। लोग बहुत वॉर्म और बेहतरीन हैं, वहां कोई पल डल नहीं लगता। यह शहर अपने आप में एक सांस्कृतिक नगरी है। यहां हर जगह आपको दिलचस्प किरदार मिल जाते हैं। जहां इतने महान कलाकारों ने काम किया हो, वो जगह अपने आप में खास होती है।’ मुझे ‘पीकू’, ‘मसान’ और ‘जोरम’ जैसी फिल्में पसंद हैं परेश रावल ने हाल ही में कुछ फिल्में देखीं, जो उन्हें बेहद पसंद आईं। उन्होंने कहा, ‘जोरम और ‘थ्री ऑफ अस’ दिल को छू लेने वाली फिल्में हैं। वहीं, ‘मसान’ और ‘पीकू’ सिर्फ मनोरंजन नहीं देतीं, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती हैं। मुझे ऐसी कहानियां पसंद हैं, जो किसी दूसरी दुनिया में ले जाएं और हमेशा याद रह जाएं।’ इन डायरेक्टर्स के साथ काम करने की ख्वाहिश परेश रावल ने बताया कि उनकी विशलिस्ट में कुछ खास डायरेक्टर्स हैं, जिनके साथ वे काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘नीरज घायवान और सुरजीत सरकार के साथ काम करने की ख्वाहिश है। इनकी फिल्मों में गहराई और कंटेंट कमाल का होता है। अविनाश अरुण, जिन्होंने ‘थ्री ऑफ अस’ बनाई, उनके साथ भी काम करना चाहता हूं। अभी मैं आदित्य सरपोतदार के साथ ‘थामा’ कर रहा हूं और लगता है कि उनके साथ और भी फिल्में करनी चाहिए। मुझे वही कहानियां पसंद हैं, जो असली लगें, लॉजिकल हों और इमोशंस से भरी हों। ऐसी फिल्में जो कुछ नया सिखाएं और देखने के बाद लगे कि वाकई कुछ अच्छा देखा।’ इंडस्ट्री में बदलाव परेश रावल ने इंडस्ट्री में आए बदलाव पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘आसपास के लोगों का बिहेवियर सबसे ज्यादा बदला है। वर्क एथिक्स में सुधार हुआ है। अब फिल्में एक लिमिटेड टाइम फ्रेम में पूरी होती हैं, सबका डिसिप्लिन बढ़ा है। हीरो भी अब वर्क ओरिएंटेड हो गए हैं। ये सब बहुत पॉजिटिव बदलाव हैं।’