महाभारत- श्रीकृष्ण ने बताया है एकादशी का महत्व:सफला एकादशी आज – भगवान विष्णु की पूजा और व्रत-उपवास के साथ आज कर सकते 10 शुभ काम

आज (26 दिसंबर) पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। एकादशी व्रत सभी मनोकामनाओं को पूरा करता है, ऐसी मान्यता है। महाभारत, पद्मपुराण सहित कई ग्रंथों में एकादशी व्रत का महत्व बताया गया है। ये व्रत धर्म, तप और भक्ति का प्रतीक है। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन और युधिष्ठिर को एकादशी व्रत के बारे में बताया है। एकादशी व्रत करने से अक्षय पुण्य मिलता है और जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों का असर कम होता है। इस व्रत के पुण्य से व्यक्ति बुराइयों से दूर होता है, विचारों में पवित्रता आती है, एक दिन निराहार रहने से पाचन तंत्र को शक्ति मिलती है। आलस दूर होता है और पूजा-पाठ में एकाग्रता बनी रहती है। महाभारत के अनुशासन पर्व और वन पर्व में युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से धर्म और व्रतों के बारे में बताने के लिए कहा है। श्रीकृष्ण ने उन्हें एकादशी व्रत का महत्व बताया और कहा है कि ये व्रत धर्मराज को भी प्रिय है। जो व्यक्ति एकादशी व्रत करता है, वह भगवान विष्णु की कृपा पाता है और फिर उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। जानिए सफला एकादशी पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं… एकादशी के संबंध में पद्मपुराण में लिखा है कि-
एकादश्यां तु यो भूते द्वादश्यां स्नानमाचरेत्।
सपितृक: स गच्छेत विष्णुलोकं समुत्तमम्।।
इस श्लोक का अर्थ ये है कि जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, द्वादशी पर नदी स्नान और विष्णु पूजा करते हैं, उन्हें विष्णु लोक प्राप्त होता है।