कोरोनावायरस के कारण सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ है और इसकी वजह से वह बजट लक्ष्य को हासिल करने में असफल रह सकती है। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने गुरुवार को चालू कारोबारी साल के लिए आर्थिक विकास, राजस्व और वित्तीय घाटा लक्ष्यों के बारे में कहा कि बजट लक्ष्य को हासिल करने में हम असफल रह सकते हैं।
महामारी के कारण टैक्स वसूली प्रभावित हुई है। इसके साथ ही सरकार के आर्थिक राहत कार्यक्रमों के कारण राजस्व दबाव में आ गया है। माना जा रहा है कि चार दशकों से ज्यादा समय में पहली बार देश की जीडीपी घट सकती है।
बजट लक्ष्य के मुकाबले दोगुना घाटे की आशंका
बजाज ने बजटीय घाटे का कोई नया लक्ष्य नहीं दिया। हालांकि ब्लूमबर्ग द्वारा अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक चालू कारोबारी साल का बजटीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 7 फीसदी रह सकता है। यह इस साल के बजट लक्ष्य के मुकाबले दोगुना है।
घाटा पाटने के लिए आरबीआई से फंड मिलने की उम्मीद नहीं
आर्थिक विशेषज्ञ यह भी उम्मीद जता रहे हैं कि भारतीय रिजर्व बेंक (आरबीआई) वित्तीय घाटा कम करने सरकार को पैसा दे सकता है। बजाज ने हालांकि कहा कि आरबीआई को सरकारी बांड बेचे जाने के किसी भी प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं किया जा रहा है। इस विषय पर सरकार ने आरबीआई से भी अब तक कोई विचार-विमर्श नहीं किया है।
जीडीपी में 10.6 फीसदी तक गिरावट की आशंका
उन्होंने बिना कोई अनुमान दिए यह भी कहा कि हो सकता है कि जीडीपी में उतनी गिरावट न आए, जितने का अनुमान लगाया जा रहा है। अंतरराष्ट्र्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक इस साल देश की जीडीपी 4.5 फीसदी घट सकती है। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक ने 5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है। ब्लूमबर्ग इकॉनोमिक्स के मुताबिक चालू कारोबारी साल में जीडीपी 10.6 फीसदी घट सकती है।
वी शेप वाली रिकवरी की उम्मीद
रिकवरी के बारे में बजाज ने कहा कि यह वी शेप वाली हो सकती है। उन्होंने कहा कि एडवांस टैक्स की वसूली इन दिनों काफी अच्छी चल रही है। जून और जुलाई में वसूली हमारी उम्मीद से बेहतर रही। वर्तमान संकट के समय में कृषि उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है।