(मंदार दवे) कोरोना के कारण देश में छाए आर्थिक संकट के बीच लोगों का भरोसा विभिन्न कंपनियों के आईपीओ में बढ़ा है। ब्राेकरेज हाउस और आईपीओ मर्चेंट बैंकर्स के अनुसार देशभर में लॉकडाउन के बाद आईपीओ में निवेशकों ने 5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया। अधिकांश निवेशकों को उम्मीद है कि 80% से अधिक कंपनियां वैश्विक महामारी के बीच भी अच्छा रिटर्न देंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि कम पैसों में सुरक्षित निवेश को छोटे निवेशक समझ रहे हैं। यही कारण है कि लोग आईपीओ में निवेश कर रहे हैं। आईपीओ को इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग कहते हैं। कंपनियां लिस्टेड करवाकर शेयर निवेशकों को बेचती हैं।
कल्याण मायाभाई स्टॉक ब्रोकर फर्म-अहमदाबाद के हरेन शेठ बताते हैं कि- आईपीओ में पैसा लगाने वाले 60 से 70% निवेशक मध्यम वर्ग से होते हैं। इसकी मुख्य वजह है कम राशि का निवेश करने की सहूलियत। अधिकांश आईपीओ में लघु राशि निवेश करने वाले निवेशक कमाते ही हैं। इस आईपीओ निवेश में 12 प्रतिशत के साथ गुजराती निवेशक देश में दूसरे पायदान पर हैं। जबकि 22 प्रतिशत के साथ मुंबई शीर्ष पर रहा।
इसलिए निवेशकों की पसंद बन रहा है आईपीओ
- इक्विटी मार्केट में प्रवेश करने में जोखिम अधिक रहता है। इसके बदले आईपीओ में जोखिम कम।
- आईपीओ लाने वाली कंपनी साख बढ़ाने के लिए कम प्रीमियम पर ऑफर की पेशकश करती है। इस कारण लाभ होता है।
- शेयर लगने के बाद निवेशक मुनाफा बुक कर (मूल्य अधिक होने पर) रिटर्न प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र रहता है। निवेशक के पास मुनाफे को दूसरी जगह निवेश करने का विकल्प भी रहता है।
- 75% से अधिक कंपनियों की पॉजिटिव लिस्टिंग होती है। इसलिए लाभ की संभावना अधिक रहती है।