देश की सबसे बड़ी SUV मैन्युफैक्चरर महिंद्रा एंड महिंद्रा (MM) को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 2,437 करोड़ रुपए का मुनाफा (स्टैंड अलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 21.85% बढ़ा है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 2,000 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। जनवरी-मार्च तिमाही में MM ने संचालन से ₹31,353 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया, सालाना आधार पर यह 25% बढ़ा है। जनवरी-मार्च 2024 में कंपनी ने 25,183 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं के बेचने से मिलने वाला पैसा रेवेन्यू या राजस्व होता है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के मुकाबले 18% घटा मुनाफा सालाना आधार पर कंपनी का मुनाफा 21.85% बढ़ा है, लेकिन तिमाही आधार पर यह 17.78% कम हो गया है। अक्टूबर-दिसंबर में महिंद्रा को 2,964 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। वहीं, वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का मुनाफा 11.40% बढ़ा है। FY25 में MM का मुनाफा 11,855 करोड़ रुपए रहा जो FY24 में 10,642 नतीजों में निवेशकों के लिए क्या? कंसॉलिडेटेड और स्टैंडअलोन फाइनेंशियल रिजल्ट का मतलब? इसे एक उदाहरण से समझें… टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) है। स्टैंडअलोन रिजल्ट में केवल टाटा मोटर्स की आय और खर्च (बिना JLR के) शामिल होंगे। जबकि, कंसॉलिडेटेड रिजल्ट में टाटा मोटर्स और JLR दोनों के फाइनेंशियल पोजिशन को देखा जाता है। ‘महिंद्रा एंड मोहम्मद’ के रूप में हुई थी शुरुआत महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रोडक्शन के मामले में भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना 1945 में ‘महिंद्रा एंड मोहम्मद’ के रूप में हुई थी, जिसका नाम बदलकर बाद ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ कर दिया गया। महिंद्रा की ट्रैक्टर यूनिट वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया में सबसे बड़ा ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरर है। देश के व्हीकल मार्केट में मारुति सुजुकी इंडिया और टाटा मोटर्स इसके सबसे बड़े कॉम्पिटिटर हैं। महिंद्रा की शुरुआत कैलाश चंद्र महिंद्रा और जगदीश चंद्र महिंद्रा ने मलिक गुलाम मुहम्मद के साथ मिलकर की थी। अभी जगदीश चंद्र महिंद्रा के पोते आनंद महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष हैं।