अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में शुक्रवार को रिपब्लिकन सांसद माइक जॉनसन को फिर से स्पीकर चुन लिया गया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक स्पीकर बनने के लिए 218 जरूरी होते हैं। जॉनसन को इतने ही वोट मिले। CNN के मुताबिक पिछले 100 साल में किसी भी स्पीकर को मिला यह सबसे कम बहुमत है। जॉनसन को नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी सपोर्ट हासिल था। हालांकि ट्रम्प के सपोर्ट के बाद भी उन्हें जीत के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वोटिंग की शुरुआत में उनकी रिपब्लिकन पार्टी के ही 3 सांसदों ने उनका सपोर्ट करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जॉनसन ने बहुमत हासिल करने के लिए 45 मिनट तक लॉबिंग की। तब जाकर उन्हें 2 रिपब्लिकन सांसदों का सपोर्ट मिला, जिससे वो बहुमत हासिल कर पाए। लुइसियाना से सांसद माइक जॉनसन को 2023 में भी इसी हाउस का स्पीकर चुना गया था। ट्रम्प बोले- माइक ग्रेट स्पीकर होंगे जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने जॉनसन को बधाई दी। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर कहा- कांग्रेस में बहुमत हासिल करने के लिए स्पीकर माइक जॉनसन को बधाई। माइक एक ग्रेट स्पीकर होंगे, जिससे हमारे देश को बहुत फायदा होगा। अमेरिकी लोगों ने 4 साल तक इस कॉमन सेंस, पावर और लीडरशिप का इंतजार किया है। जॉनसन का रिपब्लिकन पार्टी में ही हुआ विरोध अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन पार्टी 220 सीटों के साथ बहुमत में है। हालांकि शुक्रवार को जब स्पीकर पद के लिए वोटिंग शुरू हुई तो रिपब्लिकन्स का बहुमत 219 पर आ गया था, क्योंकि फ्लोरिडा के पूर्व रिपब्लिकन सांसद मैट गेट्ज ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में न लौटने का फैसला किया। स्पीकर चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 218 वोट हासिल करना जरूरी था। लेकिन 3 रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी, राल्फ नॉर्मन और कीथ सेल्फ ने जॉनसन की जगह अन्य उम्मीदवार को वोट देना का ऐलान किया था। केंटकी से सांसद थॉमस मैसी ने तो यहां तक कह दिया था कि आप मेरे सभी नाखून उखाड़ सकते हैं। आप मेरी उंगलियां काटना शुरू कर सकते हैं। लेकिन मैं माइक जॉनसन को वोट नहीं दे रहा हूं। जॉनसन के खिलाफ क्यों थी नाराजगी? माइक जॉनसन ने दिसंबर में गवर्नमेंट शटडाउन रोकने के लिए अस्थाई फंडिग बिल पेश किया था। शुरुआत में इस बिल को रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों को समर्थन हासिल था। लेकिन बाद में ट्रम्प ने मांग की थी कि 20 जनवरी को उनके शपथ ग्रहण से पहले इस बिल में अमेरिका के कर्ज लेने की लिमिट हटा दी जाए या पूरी तरह समाप्त कर दी जाए। हालांकि ट्रम्प की मांग के पूरा किए बिना ही यह बिल पास हो गया था। इसे लेकर रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों में जॉनसन को लेकर नाराजगी थी। थॉमस मैसी का कहना था कि जॉनसन स्पीकर पद के लिए योग्य नहीं हैं। पार्टी को एक ऐसे स्पीकर की जरूरत है जो मीडिया को बेहतर तरीके से मैनेज कर सके और पार्टी के मामलों को बेहतर तरीके से लोगों के सामने रख सके। 45 मिनट की लॉबिंग के बाद मिला दो सांसदों का सपोर्ट माइक जॉनसन ने बाद में राल्फ नॉर्मन और कीथ सेल्फ से मिलकर उन्हें अपने पक्ष में वोट देने के लिए मनाया। आखिर में 45 मिनट की लॉबिंग के बाद दोनों सांसदों ने जॉनसन के पक्ष में वोट दिया। इस तरह माइक जॉनसन को काफी कम अंतर से स्पीकर चुन लिया गया। इस राजनीतिक रस्साकस्सी के बीच जॉनसन ने दो बार डोनाल्ड ट्रम्प से भी फोन पर बात की। प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट के बाद सबसे शक्तिशाली पद अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के स्पीकर का पद काफी शक्तिशाली माना जाता है, जो कांग्रेस के निचले सदन को कंट्रोल करता है। इसके अलावा वरीयता क्रम में यह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बाद तीसरे नंबर पर होता है। वोटिंग के बाद जॉनसन ने वादा किया कि वो 2017 में ट्रम्प की तरफ से शुरू की गई ट्रैक्स कटौती की प्रोसेस को जारी रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कई रेग्युलेशन को भी वापस लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि हम सरकार के आकार और दायरे में भी भारी कटौती करने जा रहे है। जॉनसन ने कहा कि हमें अमेरिका की कई बड़ी चुनौतियां हल ढूंढना है, जिनमें देश पर 36 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज का समाधान करना भी शामिल है। —————————————— यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प को 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी:पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने का मामला, ट्रम्प बोले- यह अवैध राजनीतिक हमला अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शपथ ग्रहण से पहले नई मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। रॉयटर्स के मुताबिक ट्रम्प को पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर चुप कराने के मामले में 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। शुक्रवार को इस मामले के जज जुआन मर्चेन ने कहा कि ट्रम्प सजा सुनाए जाने के वक्त व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअली कोर्ट में पेश हो सकते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…