फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस, एपल के प्रमुख टिम कुक और गूगल के प्रमुख सुंदर पिचई बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस को इन सवालों का जवाब देंगे कि क्या उनकी कंपनियां बाजार में अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल करती हैं। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपनी-अपनी कंपनियों की तरफ से सफाई देंगे। इन कंपनियों के विशाल आकार और बाजार पर उनके एकाधिकार को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां काफी विशाल हो गई हैं। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा घट रही है। इसलिए बाजार में प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए इन कंपनियों के टुकड़े कर देना चाहिए।
टेक दिग्गजों ने अपने जवाब पहले ही सार्वजनिक कर दिए हैं
इन दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों के प्रमुखों ने अपने जवाब पहले से तैयार भी कर लिए हैं। ये जवाब इन्होंने सार्वजनिक मंच पर भी डाल दिए हैं। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने पहले से तैयार अपने जवाब में कहा है कि फेसबुक एक गौरवशाली अमेरिकी कंपनी है। हमें अमेरिकी कानून के कारण ही सफलता मिली है, जो प्रतिस्पर्धा और इनोवेशन को बढ़ावा देता है।
अमेजन के जेफ बेजोस पहली बार कांग्रेस की सुनवाई में जवाब देंगे
अमेजन के जेफ बेजोस पहली बार कांग्रेस की सुनाई में अपनी कंपनी की तरफ से सफाई देंगे। उन्होंने स्वीकार किया है कि कंपनी की जांच होनी चाहिए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि जब आप आलोचना झेलते हैं और फिर भी मानते हैं कि आप सही हैं, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रास्ते से हटा नहीं सकती है।
कोरोनावायरस महामारी के दौरान इन टेक्नोलॉजी कंपनियों की ताकत पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है
यह सुनवाई ऐसे समय में हो रही है, जब कोरोनावायरस के कारण इन टेक्नोलॉजी कंपनियों की ताकत पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है। इस सुनवाई में कंपनियों से यह पूछा जा सकता है कि क्या वे बाजार में अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल कर रही हैं। टेक कंपनियों के प्रमुख यह बताने की कोशिश कर सकते हैं कि वे ग्राहकों को लाभ पहुंचा रहे हैं और खासकर चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं।
जुकरबर्ग ने कहा कि बड़ी हो जाने से कई कंपनी बुरी नहीं हो जाती
मार्क जुकरबर्ग ने पहले से तैयार जवाब में कहा है कि फेसबुक आज एक सफल कंपनी है। लेकिन हम अमेरिकी तरीके से यहां तक पहुंचे हैं। शुरू में हमारे पास कुछ भी नहीं था। हमने लोगों को अच्छा उत्पाद दिया। लोगों ने हमारे उत्पाद को पसंद किया। जहां तक कानून का सवाल है मुझे यह लगता है कि बड़ी हो जाने से ही कोई कंपनी बुरी नहीं हो जाती है। कई बड़ी कंपनियां जो प्रतिस्पर्धा में टक नहीं पाती हैं, वे डूब जाती हैं।