मिंटो रोड पर रविवार सुबह को पानी भरने से एक व्यक्ति की मौत के बाद मामला गरमा गया है। इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। खास बात तो यह है कि इस मामले पर दिल्ली जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग दोनों आमने सामने आ गए हैं। भाजपा मुख्यालय के सामने से जा रही दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की 2400 एमएम डाया पाइप लाइन दो साल पहले बंद करने से मिंटो ब्रिजपर पानी भरा गया था।
अब इसी लाइन के चोक होने से पानी भरने की बात कहीं जा रही है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि जल बोर्ड की लाइन में भाजपा मुख्यालय के सामने चोक होने से दिक्कत हुई। वहीं, इस मामले में डीजेबी के अधिकारियों का कहना है कि लाइन में कोई दिक्कत नहीं थी। यदि दिक्कत होती तो दो घंटे में पानी कैसे निकलता। मिंटो ब्रिज से आईटीओ स्थित नाले तक जाने वाली पाइप लाइन जल बोर्ड के पास है, लेकिन इसका उपयोग अब सिर्फ बरसाती पानी को निकालने के लिए पीडब्ल्यूडी करता है।
दिल्ली जल बोर्ड की लाइन का कुछ हिस्सा भाजपा मुख्यालय के पास चोक था। जिससे पानी नहीं जा रहा है। हमने बोर्ड के सदस्यों के साथ ज्वाइंट इंस्पेक्शन किया है।
– शशिकांत, इंजीनियरिंग इन चीफ, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली सरकार।
जल बोर्ड का काम चल रहा है, लेकिन अभी उस बैरल को टच नहीं किया गया है। बैरल ठीक चल रही है। 2018 में कुछ दिक्कत आई थी। अभी प्रेशर कम होता तो दो घंटे में पानी कैसे निकल गया। इसका कारण क्या है यह तो पता करना होगा।
– शलभ कुमार, मेंबर वाटर, दिल्ली जल बोर्ड
लाइन को बंद करने से 2018 में डूबा था मिंटो रोड
भाजपा मुख्यालय निर्माण के समय प्रधानमंत्री की सुरक्षा के चलते सामने से निकल रही लाइन को डायवर्ट करने को कहा गया था। जल बोर्ड ने बिना डायवर्ट करें ही लाइन को मुख्यालय के पहले ही बंद कर दिया था। इससे 2018 में बरसाती पानी निकालने के लिए जगह नहीं होने के कारण मिंटो रोड में जलभराव हो गया था। जिसके बाद लाइन को दोबारा खोल कर पानी निकाला गया था।
बोर्ड चार साल से चल रहा डायवर्ट करने का काम
भाजपा मुख्यालय बनने के समय दिल्ली जल बोर्ड को बैरल को डायवर्ट करने का काम करना था, लेकिन चार साल बाद भी यह काम पूरा नहीं हो पाया है। बता दें पाइप लाइन को भाजपा मुख्यालय के पीछे से यू शेफ में डायवर्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।
बैरल के उपयोग को लेकर भी है विवाद
यह बैरल सालों पुरानी है। इसका उपयोग सिर्फ पीडब्ल्यूडी बरसाती पानी निकालने के लिए करता है। दिल्ली जल बोर्ड सिर्फ सीवर और पानी की लाइन की ही देखरेख करता है। ऐसे में जल बोर्ड का कहना है कि इसकी सफाई की जिम्मेदारी भी पीडब्ल्यूडी को ही करनी चाहिए।
यहां पर राजनीतिक शुरू
सोमवार को काम पर लौटते ही पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को मिंटो ब्रिज के हालात का कारण भाजपा मुख्यालय को बताया। उन्होंने शंका जताई कि भाजपा मुख्यालय की ओर से नाले को बंद करवाया गया था, जिसकी वजह से ये दिक्कत सामने आती रही है। उन्होंने कहा कि पहले भी भाजपा ने मुख्यालय से गुजर रहे नाले को बंद करवा दिया था। उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच कराएगी। वहीं, इस मामले में आप प्रवक्ता और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मिंटो रोड पर जलभराव का कारण नगर निगम के अधीन आने वाली स्ट्रांग वॉटर ड्रेन और रेन वॉटर ड्रेन है। इसका जल बोर्ड से कोई लेना देना नहीं है।
और इधर मामले पर नेताओं ने एक दूसरे पर साधा निशाना ….
मिंटो ब्रिज में जलभराव का कारण भाजपा मुख्यालय है। पिछली बार भी हमने नाले को क्लियर कराया था। पहले भी इसको बंद कर दिया गया था। मुझे शंका है कि इसको दोबारा बंद करा दिया गया। इसकी जांच कराएंगे।
– सत्येन्द्र जैन, मंत्री, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली
मिंटो ब्रिज का इलाका एनडीएमसी के अधीन आता है। नगर निगम के अंतर्गत आन वाले स्टॉर्म वॉटर ड्रेन की सफाई नहीं होने के कारण जलभराव हुआ। इसमें दिल्ली जल बोर्ड का कोई लेना देना नहीं है।
– राघव चड्ढा, उपाध्यक्ष, दिल्ली जल बोर्ड
राघव चड्डा पढ़े लिखे है तो यह तो पता कर लें कि मिंटो ब्रिज की सड़क की जुडिक्शन दिल्ली सरकार की है, सतेन्द्र जैन जिस एसब्ल्यू ड्रेन की बात कर रहे हैं उसी विभाग की ड्रेन जिस विभाग की सड़क है। इसका मेंटेनस दिल्ली सरकार का ही काम है।
-आदेश गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष,बीजेपी