मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार:8 अक्टूबर को मिलेगा सम्मान; नक्सली थे, वापसी कर 350 से ज्यादा फिल्में कीं, 3 नेशनल अवॉर्ड जीते

इस साल दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार (30 सितंबर) को यह घोषणा की। मिथुन दा को 8 अक्टूबर को 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में सम्मानित किया जाएगा। मिथुन करीब 5 दशक के करियर में बांग्ला, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ओडिया और भोजपुरी की 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने अपना फिल्मी करियर 1976 में मृगया से शुरू किया था और इस पहली ही फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता था। 1982 में आई डिस्को डांसर से उन्हें पहचान मिली। मिथुन को 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। उन्हें जनवरी 2024 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिलने पर मिथुन दा ने कहा – सच कहूं तो इतना प्रतिष्ठित पुरस्कार पाकर मैं नि:शब्द हूं। न मैं रो पा रहा हूं न मैं मुस्कुरा पा रहा हूं। इतनी बड़ी चीज है। जहां से मैं आया हूं, उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान मिला है, मैं सोच भी नहीं सकता। मैं ये अपने परिवार और दुनियाभर के फैंस को डेडिकेट करता हूं। नक्सली थे मिथुन, घर की जिम्मेदारी संभालने वापस आए
16 जून 1950 को मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। मिथुन ने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन के बाद मिथुन नक्सल आंदोलन में शामिल होकर कट्टर नक्सली बन गए और घर से दूर हो गए। कुछ साल बाद मिथुन के इकलौते भाई का एक हादसे में निधन हो गया। घर की मुश्किल परिस्थितियां देखते हुए उन्होंने नक्सल आंदोलन छोड़कर घर का रुख किया। नक्सलवाद से नाता तोड़ने पर मिथुन की जान को खतरा था, लेकिन वो नहीं डरे। कुख्यात नक्सली रवि रंजन से उनकी गहरी दोस्ती थी। पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी
मिथुन ने घर वापसी की तो उनका झुकाव हिंदी सिनेमा की तरफ हुआ। उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी और फिर काम की तलाश में मुंबई आ पहुंचे। कई दिनों तक उन्होंने भूखे पेट रातें गुजारीं। महीनों की कड़ी मेहनत और इंतजार के बाद इन्हें हेलन का असिस्टेंट बनने का मौका मिला। हेलन के असिस्टेंट बनकर पीछे घूमने वाले मिथुन को देखकर कुछ फिल्ममेकर्स ने उन्हें छोटे-मोटे फिलर के रोल भी दिए। मिथुन को अमिताभ बच्चन की फिल्म दो अनजाने में छोटा सा रोल मिला। इस दौरान मिथुन को बॉडी डबल बनाकर भी फिल्मों में लिया गया। फ्लर्ट कर रहे मिथुन पर मृणाल सेन की नजर पड़ी, हीरो बनाया
पुणे में मशहूर फिल्ममेकर मृणाल सेन की नजर मिथुन पर पड़ी। उस दिन मिथुन कॉलेज की कुछ लड़कियों से बेफिक्री से फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का अंदाज देखकर मृणाल इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म मृगया ऑफर कर दी। मिथुन ने 1976 में आई इस आर्ट फिल्म से बतौर हीरो अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। नेशनल अवॉर्ड लेने जाना था, लेकिन किराए के पैसे तक नहीं थे
मृगया में शानदार अभिनय के लिए मिथुन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया, लेकिन दिल्ली जाकर अवॉर्ड लेने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। तब रेखा उन्हें अपना स्पॉटबॉय बनाकर ले गई थीं। इंटरव्यू लेने गए पत्रकार से कहा था- पहले खाना खिलाओ
स्ट्रगल के दौरान ऐसा कई बार हुआ, जब मिथुन ने भूखे पेट रातें गुजारीं। पहली फिल्म ‘मृगया’ के बाद भी उन्हें स्ट्रगल करना पड़ा। नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद जब एक पत्रकार उनका इंटरव्यू लेने पहुंचा तो भूख के मारे आवाज नहीं निकल रही थी। उन्होंने पत्रकार से कहा कि पहले खाना खिलाओ, फिर इंटरव्यू देंगे। सांवले रंग के चलते हीरोइनें साथ काम करने को राजी नहीं थीं
मृगया के बाद मिथुन ने ‘दो अनजाने’ जैसी फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाईं। 1979 में रिलीज फिल्म ‘सुरक्षा’ ने मिथुन को सुपरस्टार बना दिया। इस फिल्म के बाद जाने-माने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर की लाइन लग गई, लेकिन उस दौर की स्थापित अभिनेत्रियां मिथुन के सांवले रंग की वजह से उनके साथ काम नहीं करना चाहती थीं। डिस्को डांसर से पहचान मिली, 100 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म
मिथुन के फिल्मी करियर का सुनहरा समय 1982 में आई फिल्म डिस्को डांसर से शुरू हुआ। यह हिंदी सिनेमा की 100 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म थी। हालांकि इसका कलेक्शन भारत से ज्यादा सोवियत यूनियन से हुआ था। मिथुन एक नॉन डांसर थे, लेकिन जब इन्होंने फिल्म की जरूरत के मुताबिक डांस किया तो उनके स्टेप्स देशभर में फेमस हो गए। मिथुन हाईएक्ट पेड एक्टर्स में से एक थे, आखिरी हिंदी फिल्म कश्मीर फाइल्स
80-90 के दशक के बीच मिथुन भारत के हाईएस्ट पेड एक्टर्स में से एक रहे हैं। मिथुन चक्रवर्ती की आखिरी रिलीज हुई हिंदी फिल्म साल 2022 की द कश्मीर फाइल्स थी। इसके अलावा वे बंगाली फिल्म प्रजापति और काबुलीवाला में भी नजर आए। लिम्का बुक में दर्ज है मिथुन का नाम
मिथुन चक्रवर्ती की साल 1989 में 19 फिल्में रिलीज हुई थीं, जिनमें वो बतौर लीड एक्टर नजर आए थे। उनका ये रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। करीब 35 साल बाद भी उनका ये रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं पाया है। बीते साल वहीदा रहमान को मिला था ये सम्मान
साल 2023 में वेटरन एक्ट्रेस वहीदा रहमान को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वे ये अवॉर्ड हासिल करने वालीं 8वीं महिला हैं। उनसे पहले ये अवॉर्ड देविका रानी, रूबी मेयर्स, कानन देवी, दुर्गा खोटे, लता मंगेशकर, आशा भोसले और आशा पारेख को मिल चुका है। ये खबर भी पढ़ें… नेशनल अवॉर्ड लेने दिल्ली जाने के पैसे नहीं थे:रेखा के स्पॉटबॉय बनकर पहुंचे मिथुन; पत्रकार से बोले- पहले खाना खिलाइए फिर इंटरव्यू दूंगा तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने वाले मिथुन को हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। पूरी खबर पढ़ें,,.