दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा चलाने वालों को निगम ने बड़ी सौगात दी है। निगम अब ऐसे लाइसेंस प्राप्त भोजनालाय, होटल को टेरेस/खुले स्थानों पर खाना परोसने की अनुमति देने जा रहा है। निगम की स्थायी समिति, मुंबई नगर निगम की तर्ज पर यह योजना लागू करेगी। निगम में नेता सदन नरेंद्र चावला ने बताया की इस योजना से न केवल ग्राहकों को सुविधा होगी बल्कि इससे युवा वर्ग के लिए रोजगार भी पैदा होंगे। साथ ही निगम राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने बताया को निगम यह सुविधा उन होटल मालिकों को देगा जिनके पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण और भवन के मालिक का अनापत्ति प्रमाण लेना जरूरी होगा। खास बात यह है कि टेरेस सेवा का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनका टेरेस पूरी तरह से खुला हुआ है। किसी भी तरह का कच्चा-पक्का निर्माण यहां तक कि छाता लगाने पर भी पाबंदी है।
200 रुपए वर्ग फीट वार्षिक देना होगा चार्ज
राजदत्त गहलोत ने बताया कि 4 सितारा होटल और रेस्त्रां के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क 200 रुपए प्रति वर्ग फीट होगा। निचली श्रेणियों को आधी कीमत पर लाइसेंस मिलेगा। उन्होंने कहा कि होटल और रेस्त्रां को दिल्ली फायर सर्विस से अलग अनुमति लेनी होगी। अग्नि-सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण खुले क्षेत्रों में किसी भी तरह के खाना पकाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और आइसक्रीम या फास्ट फूड की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बुकिंग एमाउंट वापस करने का फैसला
दक्षिणी नगर निगम की स्थायी समिति ने कोरोना काल मे लॉकडाउन के दौरान हुई सामुदायिक भवनों की बुकिंग के प्रभार को वापिस करने का बड़ा फैसला किया है। निगम ने मार्च व अप्रैल के दौरान हुई 256 बुकिंग का तकरीबन 45 लाख 87 हजार रुपए लौटाने का निर्णय लिया है। स्थायी समिति अध्यक्ष ने राजदत्त गहलोत ने बताया कि निगम का सामुदायिक सेवा विभाग बुकिंग करने वालों को पैसा लौटाएगा। निगम के इस फैसले से सैकड़ों परिवारों को फायदा पहुंचेगा।