मुंबई की प्रियंका सिंह के लिए बालकनी बनी बगीचा, अपनी बेटी के साथ घर में रहकर कर रहीं तितलियों का उत्पादन

रंग-बिरंगी तितलियों को देख मन को शांति मिलती है। तितलियों का भी कोई उत्पादन करता होगा? यह सुनकर आश्चर्य होगा, लेकिन यह सच है। मुंबई की प्रियंका सिंह (विज्ञान में ग्रेजुएट, एमबीए) अभी तक 8 किस्म की 5,000 तितलियों का उत्पादन कर चुकी हैं।

इन्होंने बालकनी में तितलियों का गार्डन बना रखा है। वाराणसी की रहने वाली प्रियंका का कहना है कि तितलियां हमें प्रकृति के करीब लाती हैं। इस काम में उनकी 11 साल की बेटी भी पूरा साथ देती है।

ऐसे हुई शुरुआत

इन्होंने भांडुप में 13वीं मंजिल की बालकनी में काफी पेड़-पौधे लगा रखे हैं। उनके लिए घर के जैविक कचरे से खाद बनाती हैं। एक दिन उन्होंने देखा कि एक पेड़ की पट्टी को छोटा सा कैटरपिलर खा रहा है, उन्होंने उसे हटाया नहीं। कुछ दिनों बाद देखा कि यह कैटरपिलर खूबसूरत तितली बन गया।

वहीं तितलियों से प्यार हो गया। उनके बारे में पढ़ा। ”बटरफ्लाई साइंटिस्ट ऑफ इंडिया” से टैक्सोनॉमी पर बाकायदा कोर्स किया। उन्होंने सीखा कि तितलियां खास किस्म के पेड़-पौधों पर रसपान के लिए आती हैं, वहीं प्रजनन प्रक्रिया होती है। वे पौधों पर ही अंडे देती हैं, इसलिए वैसे ही खास पौधों से बालकनी भर दी।

सोसायटी में भी पौधे लगाए

प्रियंका और बेटी ने सोसायटी के आसपास भी तितलियों के अनुकूल काफी पेड़-पौधे लगाए। ये नियमित चेक करती हैं कि कहीं किसी तितली ने अंडे दिए हैं या नहीं।

अब लोगों को सिखा रही हैं

2012 में उन्होंने किचन गार्डनिंग इवेंट में अपना अनुभव शेयर किया था। फिर तो शहर और स्कूल-कॉलेज में उन्हें वर्कशॉप के लिए बुलाया जाने लगा। उन्होंने अब तक 5,000 तितलियों का उत्पादन किया है। वे बताती हैं कि तितलियां कभी एक जगह नहीं टिकतीं। वे इनका पालन-पोषण करती हैं और जब ये बड़ी हो जाती हैं तो उड़ जाती हैं।

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Garden became a balcony for Priyanka Singh of Mumbai, butterflies preparing her home with her daughter