सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में मंगलवार कोफिल्म क्रिटिक और वरिष्ठ पत्रकार राजीव मसंद से लगभग 8 घंटे तकपूछताछ हुई। वे सुबह करीब 11:50 बजे बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंचे थे और रात 8 बजे के बाद वहां से बाहर निकले। सूत्रों की मानें तोमामले की जांच में लगे तीन पुलिस ऑफिसर ने उनसे पूछताछ की। हालांकि, उनके स्टेटमेंट की डिटेल अभी आनी बाकी है।
मसंद पर सुशांत के खिलाफ निगेटिव आर्टिकल लिखने का आरोप
सूत्रों के मुताबिक, सुशांत के करीबियों ने पूछताछ में आरोप लगाया है कि राजीव मसंद सुशांत की फिल्मों को निगेटिव रिव्यू देते थे। साथ ही वे किसी के इशारे पर उनके खिलाफ निगेटिव ब्लाइंड आर्टिकल भी लिख रहे थे। सुशांत इसे लेकर दुखी और परेशान रहते थे।
बताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले में मसंद का पक्ष जानना चाहती है और यह भी पता कर रही है कि क्या वाकई वे किसी के इशारे पर काम कर रहे थे? सुशांत को लेकर लिखे गए उनके आर्टिकल का सोर्स क्या था?
कंगना ने पूछा था- राजीव मसंद को समन क्यों नहीं भेजते?
शनिवार को कंगना रनोट ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मुंबई पुलिस से पूछा था कि सुशांत मामले में आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट, करन जौहर और राजीव मसंद को समन क्यों नहीं भेजा गया ? उन्होंने कहा था, “मैं यह नहीं कहती कि कोई यह चाहता था कि सुशांत मर जाएं। लेकिन उनकी बर्बादी जरूर चाहते थे। ये लोग इमोशनल गिद्ध हैं। वे लोगों को लिंच होते देखना चाहते हैं। महेश भट्ट अपनी फिल्मों के जरिए आज तक परवीन बाबी की बीमारी बेचते आ रहे हैं। मुंबई पुलिस आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट, करन जौहर और राजीव मसंद को समन क्यों नहीं भेजती? क्या इसलिए कि ये चारों पावरफुल हैं।”
सुशांत की मौत के 6 दिन बाद ही सवालों में घिर गए थे मसंद
राजीव मसंद सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 6 दिन बाद ही सवालों के घेरे में आ गए था। माया नाम की एक ट्विटर यूजर ने 20 जून को मसंद के ब्लाइंड आइटम के दो प्रिंट शॉट साझा किए थे, जिनमें बिना नाम लिए सुशांत के खिलाफ लिखा गया था। माया ने अपने ट्वीट में लिखा था, “एक आदमी पूरी तरह जांच से और यह एक्सप्लेन करने से बच गया कि आखिर क्यों उसने सुशांत सिंह राजपूत के साथ ऐसा किया था। वह है राजीव मसंद। उसने बिना नाम लिए सुशांत के खिलाफ घाटियां बातें लिखीं। उसने सुशांत को स्कर्ट चेजर (लड़कियों को फंसाने वाला) तक कहा था। मैंने कुछ स्क्रीन शॉट पोस्ट किए हैं।”
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पहले आर्टिकल के साथ माया ने लिखा था, “जहां राजीव ने सुशांत के शांत और जेन (दिल बेचारा का किरदार) जैसे व्यवहार को नकली कहा था और उन्हें इनसिक्योर बताया था।
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दूसरे आर्टिकल के साथ लिखा था, “राजीव का दूसरा घटिया ब्लाइंड आइटम एक फेक मीटू के बारे में था। यह मीटू स्टोरी कभी सामने नहीं आ सकी। लेकिन कोई था, जो यह अहसास दिलाना चाहता था कि इसकी वजह से फिल्म कभी रिलीज नहीं होगी। लेकिन कमेंट में देखिए फैन्स ने क्या कहा।”
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अपूर्व असरानी और मनोज बाजपेयी भी उठा चुके मसंद पर सवाल
पिछले दिनों फिल्ममेकर और एडिटर अपूर्व असरानी और अभिनेता मनोज बाजपेयी भी राजीव मसंद पर सवाल उठा चुके हैं। यह तब की बात है, जब सुशांत के खिलाफ निगेटिव बातों को लेकर केआरके पर निशाना साधा जा रहा था।
तब अपूर्व असरानी ने अपने एक ट्वीट में लिखा था, “केआरके जैसे सॉफ्ट टार्गेट पर अटैक करना, जबकि पावरफुल ब्लाइंड आइटम एक्सपर्ट पर चुप रहना सरासर पाखंड है। केआरके में कम से कम इतनी हिम्मत तो है कि वे अपना नजरिया नाम के साथ रखते हैं। सुशांत सिंह राजपूत के खिलाफ राजीव मसंद के ब्लाइंड आइटम शातिर और कायराना हैं। सिलेक्टिव मत बनो।”
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इसी तरह मनोज बाजपेयी ने राजीव मसंद पर निशाना साधते हुए लिखा था, “आलोचना के साथ निर्दोष प्रतिभाओं को चोट पहुंचाने वाले पत्रकारों को सिलेक्टिव तरीके से बाहर करना पाखंड है। मैं राजीव मसंद के ब्लाइंड आइटम पढ़कर दुखी हूं।”
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