मुंबई में बुजुर्ग महिला डिजिटल अरेस्ट, 20 करोड़ गंवाए:जालसाज CBI अधिकारी बनकर हर 3 घंटे में फोन करते थे; 3 आरोपी गिरफ्तार

मुंबई में 86 साल की बुजुर्ग महिला ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में अपनी बचत के 20 करोड़ रुपए गंवा दिए। जालसाजों में से एक ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। इन लोगों ने पीड़ित को दो महीने तक घर पर रहने और हर तीन घंटे में फोन करके रोजाना उसकी लोकेशन बताने के लिए मजबूर किया। 26 दिसंबर 2024 से 3 मार्च के बीच हुए इस फ्रॉड में मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस महिला के 77 लाख रुपए फ्रीज करने में कामयाब रही। इसके लिए पुलिस ने आरोपियों के उन बैंक खातों को सील किया, जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। घर की मेड ने बेटी को बताया, तब मामले का खुलासा हुआ एक दशक में 65 हजार मामले डिजिटल अरेस्ट साइबर फ्रॉड का एक नया और बढ़ता हुआ रूप है, जिसमें जालसाज कानून प्रवर्तन अधिकारी या सरकारी एजेंसियों के कर्मचारी बनकर ऑडियो/वीडियो कॉल के जरिए पीड़ितों को धमकाते हैं। वे पीड़ितों को बंधक बनाते हैं और भुगतान करने के लिए उन पर दबाव डालते हैं। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2023 के दौरान देश में 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई। हाउस अरेस्ट में नकली पुलिस स्टेशन, सरकारी कार्यालय स्थापित करने और ED जैसी वर्दी पहनने जैसे हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं। पिछले एक दशक में, भारतीय बैंकों ने धोखाधड़ी के 65,017 मामलों की सूचना दी है, जिसके कारण कुल 4.69 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। साइबर अपराधी बेखबर लोगों को धोखा देने के लिए UPI, क्रेडिट कार्ड, ओटीपी, जॉब और डिलीवरी स्कैम के तरीके अपनाते हैं।